आज विश्व ब्रेल दिवस है. लुई ब्रेल ने ब्रेल लिपि का आविष्कार किया था. उनका जन्म 4 जनवरी, 1809 को हुआ था. 4 जनवरी को उनकी याद में विश्व ब्रेल दिवस मनाया जाता है. (विकीपीडिया इमेज)
लुई ब्रेल ने एक दुर्घटना में अपनी दृष्टि खो दी थी. उन्होंने महज 15 साल की उम्र में इस लिपि का आविष्कार किया था. (विकीपीडिया इमेज)
दुनिया में नेत्रहीन, दृष्टिहीन या आंशिक रूप से नेत्रहीन लोगों की जिंदगी आसान करने और उन्हें अपने पैरों पर खड़ा करने में ब्रेल लिपि का बड़ा हाथ है. (रॉयटर्स इमेज)
ब्रेल कोई भाषा नहीं है. ये एक कोड है. ब्रेल लिपि में उभरे हुए बिंदुओं से कोड बनाया जाता है. इनमें 6 बिंदुओं की तीन पंक्तियां होती हैं. जिनमें कोड निहित होते हैं. (रॉयटर्स इमेज)
आप इस तस्वीर में लुई ब्रेल का घर देख रहे हैं. इसे म्यूजियम में तब्दील कर दिया गया है. (विकीमाडिया इमेज)
लुई ब्रेल को ब्रेल लिपि का आइडिया नेपोलियन की सेना के एक कैप्टन चार्ल्स बार्बियर से आया था. बार्बियर लुई के स्कूल आए हुए थे, उस दौरान उन्होंने बच्चों के साथ 'नाइट
राइटिंग' की विधि शेयर की, जिसमें सैनिक दुश्मनों की पकड़ में न आने के लिए उभरे हुए बिंदुओं में छिपे संदेश का इस्तेमाल करते थे. (विकीमीडिया इमेज)
अब ब्रेल लिपि कागजों से प्रगति कर कंप्यूटर तक पहुंच गई है. दृष्टिहीन लोगों के इस्तेमाल के लिए इलेक्ट्रो-मैकेनिकल डिवाइस बनाई गई है, इसे रिफ्रेशेबल ब्रेल डिस्पले या ब्रेल टर्मिनल कहते हैं. (विकीपीडिया)
इस कंप्यूटर में गोल-नुकीले बिंदु उभरे होते हैं, जिनकी मदद से व्यक्ति इसे इस्तेमाल कर पाता है. (रॉयटर्स इमेज)