देश भर में नवरात्रि धूमधाम से मनाई जा रही है. इसी के साथ गरबा उत्सव भी शुरू हो गया है
नवरात्रि के दौरान लोगों में गरबा के लिए अलग ही क्रेज देखने को मिलता है. देशभर में जगह-जगह गरबा उत्सव आयोजित किए जाते हैं
लेकिन क्या आपको पता है कि गरबा की शुरूआत कहां से हुई थी. दरअसल गरबा शब्द मूल रूप से संस्कृत के एक गर्भद्वीप से निकला हुआ है. बाद में अपभ्रंश के रूप में यह शब्द बदलता चला गया और वर्तमान में इसे गरबा के नाम से जाना जाता है.
गरबा की शुरुआत में देवी के नजदीक एक घड़े को फूलों से सजाकर उसमें दीपक रखा जाता है. इसी दीप का दीपगर्भ कहा जाता है.
गरबा सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है और अश्विन मास की नवरात्रों को गरबा नृत्योत्सव के रूप में मनाया जाता है