शैलपुत्री यानी पहाड़ों की पुत्री. मां दुर्गा के नौ रूपों में यह पहला रूप है. ये बैल पर सवार हैं और इनके हाथ में कमल है
ब्रह्मच्रारिणी मां दुर्गा का दूसरा रूप है. उनके नाम का अर्थ है ब्रह्मचर्य का पालन करने वाली. उन्होंने अपने हाथ में कमंडल धारण किया है
चंद्रघंटा मां दुर्गा का तीसरा रूप है. इसका अर्थ है चंद्रमा के आकार वाले घंटे को धारण करने वाली
मां के चौथे रूप का नाम है कुष्मांडा. 'कु' मतलब थोड़ा 'शं' मतलब 'गरम अंडा' है. यहां अंडा का तात्पर्य ब्रह्मांडीय अंडे से है
देवी दुर्गा का पांचवा रूप है 'स्कंद माता'., इन्होंने भगवान शिव से शादी कर ली थी. उनका एक बेटा था जिसका नाम 'स्कन्दा' था. स्कंदमाता आग की देवी हैं और उनकी गोद में स्कन्दा बैठे हैं
मां दुर्गा का छठा रूप है कात्यायनी. महान संत कता के घर मां ने जन्म लिया इसलिए उनका नाम कात्यानी पड़ा
मां दुर्गा का सातवां रूप है कालरात्रि. वह काली रात की तरह है, उनके बाल बिखरे होते है, वह चमकीले भूषण पहनती हैं
आठवीं दुर्गा 'महा गौरी' हैं वह एक शंख, चंद्रमा और जैस्मीन के रूप सी सफेद है, वह आठ साल की हैं. कहा जाता है जो भी महा गौरी की पूजा करता है उसके वर्तमान ,अतीत और भविष्य के पाप धुल जाते हैं
मां का नौवा रूप है 'सिद्धिदात्री'. आठ सिद्धिः है, जो अनिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, लिषित्वा और वशित्व कहलाती हैं. मां शक्ति यह सभी सिद्धिः देती हैं