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माघ मेला: देश के कोने-कोने से पहुंची साधुओं की टोली

FP Staff

2018 का माघ मेला इलाहाबाद में शुरू हो चुका है. देश भर के साधू और श्रद्धालु बड़ी तादाद में इस मेले में पहुंच चुके हैं

भारत में रहने वाले सभी साधू- संत इस माघ मेले का इंतजार करते हैं और मेला लगने से पहले अपने अपने तंबू लगा लेते है और विभिन्न तरह की साधनाओं में लग जाते हैं.


मेले में कल्पवास करने वाले साधू-महात्मा सूर्य की पहली किरण निकलने से पहले ही स्नान कर लेते है. उसके बाद ही अन्य लोग स्नान करते हैं.

माघ मेले में नागा साधुओं का ऐसा रूप देखने को मिलता है जो सामान्य तौर पर देखने को कभी नहीं मिलता

10 डिग्री तापमान पर एक कपड़े के तंबू में एक महीने तक ईश्वर की आराधना करना.सुबह सुबह बर्फ जैसे संगम के पानी में स्नान करना एक तरह की अराधना है जो ये नागा साधू हर वर्ष करते हैं

भोर का पहला स्नान करने के लिए झुंड में निकलते नागा साधुओं का वो दृश्य देखते ही बनता है

मान्यता है माघ मेले में कल्पवास करने वाले को हजार अश्वमेघयज्ञ के बराबर पुण्य मिलता है

वैसे तो नागा साधू बनने के लिए कई नियमों का पालन करना पड़ता है पर उनमें से ब्रह्मचर्य का पालन,खुद का पिंडदान और श्राद्ध,स्त्रों का त्याग,भस्म और रुद्राक्ष धारण करना मुख्य हैं

2 जनवरी से शुरू हुए माघ मेले के पहले दिन लगभग 60 लाख श्रद्धालुओं ने स्नान किया