इस दिन विवाहित महिलाएं और जिन महिलाओं की शादी होने वाली है वे अपने पति की लम्बी आयु और खुशहाल दांपत्य जीवन के लिए निर्जला यानी बिना अन्न और जल का व्रत रखती हैं.
करवा चौथ के दिन शाम को स्त्रियां चन्द्रमा को जल अर्पण करती हैं और फिर चांद और पति को छलनी से देखती हैं.
करवा चौथ के दिन चंद्रमा का उदय शाम आठ बजकर चौदह मिनट पर होगा. इस दिन महिलाएं चंद्रमा को देखे बिना न तो कुछ खाती हैं और न ही पानी ग्रहण करती हैं.
करवाचौथ के दिन सूर्योदय से पहले जो सरगी खाई जाती है उसमें मठरी, मिठाई, काजू-किशमिश, ड्राई फ्रूट्स और अन्य खाद्य पदार्थ शामिल होते हैं.
इस वर्ष करवा चौथ का व्रत 8 अक्टूबर को है.इस दिन रविवार का दिन है. ये व्रत कार्तिक माह की व्यापिनी चतुर्थी को महिलाओं द्वारा रखा जाता है.