महल में एक बड़ा सा दुर्ग है जिसके गुंबद सोने के पत्तरों से सजे हैं. ये सूरज की रोशनी में खूब जगमगाते हैं.
महाराजा पैलेस, राजमहल मैसूर के कृष्णराजा वाडियार चतुर्थ का है. यह पैलेस बाद में बनवाया गया. इससे पहले का राजमहल चन्दन की लकड़ियों से बना था.
कर्नाटक का मैसूर पैलेस अपनी खूबसूरती के चलते पूरी दुनिया में अपनी एक खास जगह रखता है. कर्नाटक तमिलनाडु की सीमा पर बसा ये पैलेस विश्व के कुछ सुंदर महलों में से एक है.
इसे मैसूर का महाराजा पैलेस कहा जाता है. यह द्रविड़, पूर्वी और रोमन स्थापत्य कला का शानदार संगम है. त्योहारों और विशेष रूप से दशहरे पर इसे रंगीन लाइटों से सजाया जाता है.
ये जितना खूबसूरत बाहर से दिखाई देता है उतनी ही इसकी रौनक अंदर से भी हैं.
हफ्ते के आखिरी दिनों में और विशेष रूप से दशहरा में इस महल को बिजली के तकरीबन 97,000 बल्बों से शानदार तरीके से सजाया जाता है.
(साभार न्यूज 18)