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योगी की सख्ती: आम्रपाली बिल्डर का दफ्तर होगा नीलाम

योगी सरकार ने वादाखिलाफी करने वाले और डिफॉल्टर बिल्डरों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है

FP Staff

यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने वादाखिलाफी करने वाले बिल्डरों के खिलाफ पहली बड़ी कार्रवाई की है. योगी सरकार आम्रपाली बिल्डर के नोएडा स्थित एक दफ्तर को नीलाम करने की तैयारी में है. आम्रपाली बिल्डर द्वारा कॉर्पोरेशन बैंक से लिया गया लोन समय पर नहीं चुकाने पर यह फैसला लिया गया है.

सोमवार को ही कंपनी के तीन डायरेक्टरों ने गौतम बुद्ध नगर के डीएम के पास अपने पासपोर्ट जमा कराया. उनके मुताबिक उन्होंने अपने पासपोर्ट इसलिए जमा करा दिए हैं ताकि निवेशकों को यह विश्वास रहे की वो बैंक को अपना कर्ज अदा करने वाले हैं और देश छोड़ कर विदेश नहीं भागेंगे.

यूपी सरकार को लेबर सेस नहीं जमा करने की वजह से राजस्व विभाग ने बीते 24 जुलाई को आम्रपाली के डायरेक्टर निशांत मुकुल और सीईओ ऋतिक को हिरासत में ले लिया था, इन्हें गौतमबुद्ध नगर के डीएम के निर्देशों के बाद पकड़ा गया था. अधिकारियों ने बताया की आम्रपाली बिल्डर ने 4.29 करोड़ रुपए का कंपनी का लेबर सेस नहीं भरा था.

डीएम ने बताया की कंपनी के डायरेक्टर और सीईओ को उत्तर प्रदेश के राजस्व बोर्ड कानून के सेक्शन 171 के तहत गिरफ्तार किया गया था. उन्होंने कहा कि भविष्य में भी अगर कंपनी समय पर सेस का भुगतान नहीं करती उनपर और ज्यादा सख्ती बरती जाएगी.

मुकुल और ऋतिक के गिरफ्तार होने के फौरन बाद बिल्डर कंपनी ने सरकार को 4.29 करोड़ रुपए का सेस जमा करा दिया था जिसके बाद अगले दिन उन सभी को छोड़ दिया गया था.

नोएडा और ग्रेटर नोएडा में आम्रपाली बिल्डर के कई प्रोजेक्ट फंसे हुए हैं. कंपनी की वादाखिलाफी और समय पर घर न देने की वजह से उसके निवेशकों और खरीदारों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.