उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 25 दिसंबर को नोएडा आ रहे हैं. वो यहां पर दिल्ली मेट्रो के पेज-3 में शुरू हो रहे मजेंटा लाइन के उद्घाटन समारोह में शिरकत करेंगे. सीएम योगी के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस समारोह में मौजूद रहेंगे और बोटानिकल गार्डन से कालकाजी मंदिर तक जाने वाली मेट्रो को हरी झंडी दिखाएंगे.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने आना आपको एक समान्य घटना की तरह लग रही होगी लेकिन ये समान्य नहीं है. उत्तर प्रदेश में चाहे किसी की सरकार रहे या कोई मुख्यमंत्री हो. हर बार वे इस शहर से बचते रहे.
एक धारणा बन गई है कि जो भी मुख्यमंत्री नोएडा आता है उसकी कुर्सी चली जाती है. उत्तर प्रदेश की राजनीति को करीब से देखेने वाले लोग बताते हैं कि यहां योगी आदित्यनाथ से पहले बसपा प्रमुख मायावती अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान यहां आईं थी लेकिन अगले चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. कुछ ऐसी ही घटना अखिलेश यादव के साथ हुई.
इन्हीं सब को देख कर यह माना जा रहा था कि शायद मेट्रो के उद्घाटन समारोह में सूबे के नए-नवेले मुखिया योगी आदित्यनाथ इस कार्यक्रम में शरीक न हो.
फिलहाल केंद्र और राज्य सें बीजेपी की भारी बहुमत की सरकार है. पार्टी लगातार नित नए मुकाम हासिल कर रही है. ऐसे में बनी बनाई धारणाओं को तोड़ने का आत्मविश्वास ही योगी को नोएडा बुला रहा है.