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धार्मिक कथाएं हमें जोड़तीं हैं सदाचार की भावना से: योगी आदित्यनाथ

योगी आदित्यनाथ ने समाजसेवियों द्वारा बाढ़ पीड़ितों की मदद की भी सराहना की

Bhasha

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि धर्म से सदाचार की प्रेरणा मिलती है तथा धार्मिक कथाएं हमें सदाचार की भावना से जोड़ती हैं.

योगी ने ब्रह्मलीन महंत दिग्विजय नाथ जी महाराज ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ जी महाराज की पुण्यतिथि समारोह के अवसर पर गोरखनाथ मंदिर में आयोजित साप्ताहिक श्रीराम कथा ज्ञान यज्ञ का शुभारंभ किया.


उन्होंने कहा, 'धर्म से सदाचार की प्रेरणा मिलती है तथा धार्मिक कथाएं हमें सदाचार की भावना से जोड़ती हैं.' उन्होंने अपने उद्बोधन में श्रीराम-कथा के विभिन्न प्रसंगों पर भी प्रकाश डाला.

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर गोरखपुर में आई बाढ़ के संबंध में गोरखपुर के व्यापारियों और समाजसेवियों द्वारा बाढ़ पीड़ितों की मदद की भी सराहना की.

उन्होंने कहा कि यहां के लोग प्रतिदिन बड़ी संख्या में खाद्य सामग्री के पैकेट बाढ़ पीड़ितों को भेजते थे, जिससे कुशीनगर, देवरिया, महराजगंज व सिद्धार्थनगर के बाढ़ पीड़ितों को दुख की घड़ी में सहायता मिली. यह एक धर्म कार्य है, जो बाढ़ की विभीषिका के दौरान देखने को मिला.

गुरु गोरक्ष पीठाधीश्वर महंत योगी आदित्यनाथ ने कहा कि रामकथा सुनने से सभी दुखों का निवारण होता है. रामकथा से लोग एकसूत्र में बंधते हैं और इससे राष्ट्र की उन्नति का मार्ग प्रशस्त होता है.

योगी ने प्रदेश के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अपने दौरे का संस्मरण सुनाते हुए कहा कि लोग उस विषम परिस्थिति में रामायण का पाठ एवं भजन कीर्तन कर रहे थे.

उन्होंने कहा, 'रामकथा से लोग एकता में बंधते हैं. इससे राष्ट्र की उन्नति का मार्ग प्रशस्त होता है.' योगी ने महंत दिग्विजय नाथ एवम महंत अवैद्यनाथ को स्मरण करते हुए कहा कि दिग्विजय नाथ जी की 48वीं व अवैद्यनाथ जी की तीसरी पुण्यतिथि के क्रम में यह आयोजन किया जा रहा है.

सीएम योगी ने रामकथा का महत्व बताया

उन्होंने रामकथा के महत्व की चर्चा करते हुए कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम महामानव हैं और हम सभी के आदर्श हैं. उन्होंने रामकथा के कई प्रसंगों की प्रासंगिकता की चर्चा करते हुए उसकी सार्थकता पर बल दिया.

चार सितंबर से 10 सितंबर तक प्रतिदिन संत वाणी, भजन एवं भारतीय संस्कृति-समाज आदि विषयों पर देश के प्रमुख संत, महंत, शंकराचार्य बुद्धजीवी और विद्वानों के व्याख्यान होंगे.

5 सितंबर से पुण्यतिथि समारोह की विधिवत शुरुआत महंत योगी आदित्यनाथ करेंगे. योगी ने लंका दहन प्रसंग की चर्चा करते हुए कहा कि कहा कि अयोध्या हमारी मातृभूमि है, जन्म भूमि है. श्रीराम हमारे ही नहीं, सबके प्रेरणास्रोत हैं.

उन्होंने कहा कि श्रीराम हमारे पारिवारिक, सामाजिक, धार्मिक तामाम बिंदुओं और आयामों को एक सूत्र में पिरोने वाले हैं, इसलिए आज भी गाँव से लेकर शहरों तक बिना किसी आर्थिक संसाधन, बिना किसी सरकारी मदद के रामलीला के आयोजन निर्बाध युगों से हो रहे हैं.

आज के कार्यक्रम में दिगंबर अखाड़ा के महंत सुरेशदास जी महराज, कथा वाचक रामानंद जी महराज सहित बड़ी संख्या में संत, जनप्रतिनिधिगण एवं वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे.