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योगी के आदेश का असर: नोएडा में कम हुई बिरयानी, गुम हुआ मटन

अवैध बूचड़खानों पर सख्ती का असर नोएडा में मांस विक्रेताओं व बिरयानी की दुकानों पर दिखने लगा है.

Pawas Kumar

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अवैध बूचड़खानों पर सख्ती का असर नोएडा में मांस विक्रेताओं व बिरयानी की दुकानों पर दिखने लगा है.

गुरुवार को नोएडा के सेक्टर 15 स्थित बिरयानी की दुकानों में से कई बंद नजर आईं. पूछने पर पता चला कि लाइसेंस न होने के कारण अधिकतर दुकानें बंद हैं. अधिकतर दुकानों के पास लाइसेंस या तो था नहीं या समय से रिन्यू नहीं. अभी तक पुलिस-प्रशासन की नजर इन पर नहीं पड़ी थी. लेकिन यूपी की नई सरकार के फरमान के बाद पुलिस इन पर कार्रवाई कर रही है. ऐसे में अधिकतर दुकानवालों ने दुकान बंद करने में ही भलाई समझी है.


जो इक्का-दुक्का दुकानें लाइसेंस के साथ चल रही हैं, वहां भी चिकन बिरयानी ही मिल रही है. कई बूचड़खानों के बंद होने से मटन की सप्लाई पर असर पड़ा है.

मांस की सप्लाई जायजा लेने हम सेक्टर 8 के आसपास के इलाके में पहुंचे. इस इलाके में मटन-चिकन की कई दुकानें हैं. लेकिन रास्ते में रिक्शेवाले ने पहले ही कह दिया, 'सब बंद है.' क्यों का जवाब मिला, 'योगी आ गए इसलिए बंद है.'

सच्चाई भी यही थी, सेक्टर 8 के मटन-चिकन बाजार में सब सूना-सूना था. आसपास की फर्नीचर की दुकानें तो आम तरीके से धंधे में जुटी थीं लेकिन इनकी बीच में बनी मांस बेचने वाली दुकानें बंद थीं. हालांकि दुकानों के सामने कुछ खाली युवक पत्ते खेलते नजर आए.

दुकान से निकले एक युवक से हमने पूछा क्या मटन नहीं मिलेगा. उसने कहा, 'दुकान बंद है.' कारण पूछने पर पता चला कि लाइसेंस की 'प्रॉब्लम' है. इशारों-इशारों में उसने ये भी बताया कि अगर हम चाहें तो कुछ इंजताम हो सकता है.

लौटते वक्त ऑटो वाले ने बताया कि दो दिनों से सभी दुकानें बंद हैं. अगर मटन खाना है तो बॉर्डर पास दिल्ली के गाजीपुर या मयूर विहार फेज-3 की ओर निकल जाइए.

खैर एकमात्र लाइसेंसी बिरयानी की दुकान से हम चिकन बिरयानी खरीद वापस लौट लिए.