view all

भक्ति चैनलों के प्रसारण फीस को लेकर सरकार पर भड़के रामदेव

योग गुरु ने कहा कोई बाबा इतना पैसा नहीं दे सकता. सरकार को भक्ति और वैदिक जैसे सभी चैनलों के लिए कुल 32 करोड़ रुपए चाहिए

FP Staff

योग गुरु रामदेव ने भक्ति चैनलों के बढ़े प्रसारण फीस को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. रामदेव ने बुधवार को कहा कि आस्था, अरिहंत और वैदिक जैसे भक्ति टीवी चैनलों के प्रसारण पर उच्च कर लगाना उचित नहीं है.

रामदेव ने कहा, 'सरकार चाहती है कि हम सभी 1-1 लाख रुपए दें, जिसके लिए हमने कहा कि कृपया साधुओं और संतों पर कर लगाने की जरूरत नहीं है. आप धार्मिक लोग हैं, आप अपने देश से प्यार करते हैं, आप धर्म का अनुसरण करते हैं इससे, अगर लोग बाबा के प्रवचन को सुनने या देखना चाहते हैं, तो बाबा को अपनी जेब से एक लाख रुपये प्रतिदिन देना होगा. कोई बाबा इतना पैसा नहीं दे सकता. आस्था और वैदिक जैसे सभी भक्ति चैनलों को दिखाने के लिए सरकार को कुल 32 करोड़ रुपए चाहिए.'


पतंजलि के संस्थापक ने कहा कि 'यह वास्तव में शर्मनाक होगा, अगर हमें धर्म के नाम पर भी पैसा देना होगा. मैंने इस सरकार से कभी इस तरह के व्यवहार की उम्मीद नहीं की थी.'

रामदेव दिल्ली में 'आस्था' मोबाइल ऐप के शुभारंभ के अवसर पर बोल रहे थे.

ऐप पर यूजर्स को इच्छा के अनुसार आध्यात्मिक सामाग्री मिलेगी

यह ऐप अपनी तरह का पहला ऐप है ऐसा इसे लॉ़न्च करने वालों का दावा है. इस ऐप से यूजर्स को उनकी इच्छा के अनुसार आध्यात्मिक सामग्री प्राप्त होगा. इसमें उन्हें आस्था, अरिहंत आदि जैसे आध्यात्मिक टीवी चैनलों के भी कार्यक्रम मिलेंगे.

योग गुरु ने कहा, 'यह भारत के लिए गौरव का क्षण है. इस ऐप पर लोग सभी चारों चैनलों के सभी LIVE कार्यक्रमों को देख सकेंगे. इसके साथ ही वो दिखाए गए 9 दिन पुराने सभी कार्यक्रमों का रिपीट भी देख सकेंगे.'

इस ऐप पर 7 क्षेत्रीय भाषाओं तमिल, तेलगू, कन्नड़, मलयालम, उड़िया, बांग्ला और मराठी में भी कंटेंट उपलब्ध होगा.

रामदेव के योग शिविर के साथ ही उनके प्रवचनों के बीम वीडियो भी इस ऐप पर उपलब्ध रहेंगे. इनकी व्यापक पहुंच के लिए इसे क्षेत्रीय भाषाओं में डब किया जाएगा.

आस्था की योजना जल्द ही अपने तमिल, तेलगू और मलयालम चैनलों को लॉन्च करने की है. रामदेव ने कहा कि इन चैनलों को लॉन्च करने के लिए जरूरी तैयारियां कर ली गई हैं.