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महंगाई दर तीन साल में सबसे ज्यादा, फरवरी में 6.55 फीसदी

खाने-पीने की चीजों से लेकर ईंधन और ऊर्जा सभी की महंगाई दर बढ़ी है

Bhasha

आम आदमी को महंगाई की एक और मार पड़ी है. फरवरी में थोक महंगाई दर (डब्लूपीआई) 6.55 फीसदी पहुंच गई, जो कि लगभग 39 महीने का उच्चतम स्तर है. जनवरी में महंगाई दर 5.25 फीसदी रही थी. खाने-पीने की चीजों से लेकर ईंधन और ऊर्जा सभी की महंगाई दर बढ़ी है.

आधिकारिक आंकड़ों से मंगलवार को यह जानकारी मिली. केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) के आंकड़ों के मुताबिक, सालाना महंगाई दर फरवरी 2016 में नकारात्मक 0.85 फीसदी थी.


वहीं, समीक्षाधीन माह में खाने-पीने के वस्तुओं की थोक महंगाई दर में 2.69 फीसदी की वृद्धि हुई, जबकि जनवरी में यह नकारात्मक 0.56 फीसदी थी.

हालांकि इस दौरान प्राथमिक वस्तुओं पर खर्च पांच फीसदी बढ़ गया. थोक मूल्य सूचकांक में प्राथमिक वस्तुओं की हिस्सेदारी 20.12 फीसदी होती है.

समीक्षाधीन माह में प्याज के लिए थोक महंगाई दर नकारात्मक 18.85 फीसदी रही, जबकि आलू की थोक महंगाई दर नकारात्मक 8.84 फीसदी रही. कुल मिलाकर सब्जियों के मूल्य में नकारात्मक 8.05 फीसदी की गिरावट हुई.

(फोटो: पीटीआई)

दालों की मुद्रास्फीति दर नकारात्मक 0.79 फीसदी रही. वहीं, गेहूं की कीमतों में वृद्धि हुई और इसकी दर 8.36 फीसदी रही. प्रोटीन आधारित खाद्य पदार्थो जैसे अंडा, मांस और मछली की कीमतों में 3.79 फीसदी की गिरावट आई.

विनिर्मित उत्पादों की कीमतों में 3.66 फीसदी की वृद्धि हुई, जिनका थोक मूल्य सूचकांक में 65 फीसदी वजन है. विनिर्मित उत्पादों के उपसूचकांक में 9.27 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई. इसका मुख्य कारण चीनी की कीमतों में आई तेजी रही.

चीनी के मूल्य में तेजी इसके उत्पादन में कटौती के कारण आई है. वहीं, खाद्य तेलों की दर 5.70 फीसदी रही.

इसी तरह ईंधन और बिजली की महंगाई दर फरवरी में बढ़ी है. इसकी महंगाई दर 21.02 फीसदी रही, जबकि जनवरी में यह 18.14 फीसदी थी.

(फोटो: पीटीआई)

पिछले साल नवंबर में नोटबंदी लागू होने के बाद सरकार और निजी बैंकों के पास काफी ज्यादा पैसा आ गया था. तब बैंकों ने कहा था कि वो कम ब्याज दर पर लोन बांट पाएंगे.