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शादी में बैंड-बाजा हुआ तो निकाह नहीं करवाएंगे काजी

देवबंद शहर के काज़ी मुफ्ती अज़हर हुसैन ने कहा कि निकाह के दौरान गाने और नाच को इस्लाम में हराम बताया है

FP Staff

इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देवबंद के एक काज़ी ने निकाह को लेकर अजीबोगरीब नियम बताया है. देवबंद शहर के काज़ी मुफ्ती अज़हर हुसैन ने कहा कि निकाह के दौरान गाने और नाच को इस्लाम में हराम बताया है और कहा है कि काज़ी ऐसे निकाह नहीं कराएंगे, जिसमें नाच-गाना होगा.

काज़ी मुफ्ती के ने बताया, 'हम ऐसे निकाह नहीं करवाएंगे, जिनमें नाच-गाने या डीजे की व्यवस्था होगी. यह इस्लाम के खिलाफ है और हम ऐसी शादियों का बहिष्कार करेंगे.'


उन्होंने यह भी कहा है कि अगर निकाह से पहले नाच-गाना हो चुका हो, तो निकाह कराया जा सकता है. हालांकि इसमें भी एक शर्त है, वह यह कि इस बारे में काज़ी को पता ना हो. मतलब अगर निकाह से पहले गाना और नाच हो चुका हो और काज़ी इससे अनजान हो, तो कोई समस्या नहीं है.'

इससे पहले भी मुस्लिम मौलानाओं ने शादी में गाने और नाच होने पर सवाल उठाया और कहा है कि इससे बेवजह खर्च का बोझ बढ़ता है. कोटा राजस्थान के मौलाना पहले ही मुस्लिम शादियों में डीजे, लाउड म्यूजिक और बैंड को बैन कर चुके हैं.