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'वैदिक काल में था महिलाओं को समान अधिकार, इस्लामिक आक्रमण ने बिगाड़ा हाल'

संघ के वरिष्ठ नेता गोपाल कृष्ण ने कहा कि वैदिक काल में महिलाओं को बराबर के अधिकार थे. इस्लामिक आक्रमण के बाद उनकी स्थिति खराब हो गई

FP Staff

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ नेता कृष्ण गोपाल ने कहा कि वैदिक काल में महिलाओं की स्थिति बहुत अच्छी थी और उन्हें काफी महत्त्व दिया जाता था, लेकिन भारत में इस्लामिक आक्रमण के बाद उनकी स्थिति कमजोर हुई. उन्होंने कहा कि वैदिक काल में महिलाओं को बराबर के अधिकार थे. इस्लामिक आक्रमण के बाद उनकी स्थिति खराब हो गई.

आरएसएस के 'नॉलेज सीरीज' समारोह के दौरान संघ प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य के सवालों का जवाब देते हुए कृष्ण गोपाल ने ये बातें कही. मनमोहन वैद्य ने उनसे पूछा था कि क्या इस बात में कोई सच्चाई है कि हिंदुत्व में औरतों को सम्मान नहीं दिया जाता. इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि हिंदू इतिहास सदियों पुराना है. ऋग्वेद के समय में औरतें वेद पढ़ती थीं. उन्होंने वेदों के तमाम श्लोंकों को लिखा.


ऋग्वेद काल की महिला दार्शनिकों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अपाला, घोषा, सूर्य सावित्री कौन थीं. इन सभी ने वैदिक श्लोकों को लिखा, इसलिए ये कहना कि हिंदुत्व ने महिलाओं को दबाया सही नहीं है. यहां तक कि हिंदू समाज में रिद्धि, सिद्धि, संसद सभा जैसे शब्द भी दिखाते हैं कि महिलाओं को बराबर का अधिकार था.

इस्लाम आने के बाद औरतों के साथ नहीं हुआ अच्छा व्यवहार

गोपाल कृष्ण ने कहा कि इस्लाम आने के बाद उन्होंने औरतों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया. औरतों को पर्दे में रखा जाता था. उन्हें बाहर जाने की अनुमति नहीं थी. यह सब लंबे समय तक जारी रहा और बाद में हिंदुओं को हार मानकर यही अपनाना पड़ा. गुरुकुलों को नष्ट किया गया और लड़के, लड़कियां गुरुकुल नहीं जा सकते थे, जिससे महिलाओं की स्थिति खराब होनी शुरू हो गई.

लोगों से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि महिलाओं की पुरानी स्थिति को फिर से वापस लेकर आना है. सामी धर्मों (इस्लाम, ईसाई, यहूदी) के विपरीत सिर्फ हिंदू धर्म ही ऐसा है, जिसमें महिलाओं को देवी का स्थान दिया जाता है.

वहीं छुआछूत के लिए भी उन्होंने इस्लाम को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि पहले अछूत गाय खाने वाले थे. उस समय मुगलों का शासन था इसके बावजूद हिंदुओं ने उनसे दूरी बनाकर रखी. न तो वो उन्हें अपने घर बुलाते थे और न ही वे उनके यहां पानी पीते थे.

(साभार न्यूज-18)