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क्या उपद्रव मचाने वाले राम रहीम के गुंडे देशद्रोह के आरोप में धरे जाएंगे?

हरियाणा सरकार आगजनी और हिंसा करने वाले डेरा समर्थकों पर देशद्रोह का मुकदमा चलाने की तैयारी कर रही है

Ravishankar Singh

पिछले 25 अगस्त को सीबीआई की विशेष अदालत ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह राम रहीम को यौन शोषण के आरोप में दोषी ठहराया था. जिसके बाद राम रहीम के गुंडों ने पंचकूला और सिरसा में आगजनी की घटना को अंजाम दिया था. हरियाणा सरकार आगजनी और हिंसा करने वाले डेरा समर्थकों पर देशद्रोह का मुकदमा चलाने की तैयारी कर रही है.

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने बाबा गुरमीत सिंह राम रहीम के छह सुरक्षा गार्डों और दो समर्थकों पर पहले से ही देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करने का आदेश दे रखा है.


कोर्ट ने हरियाणा सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि सरकार ने राजनीतिक फायदे के लिए हिंसा होने दी. इसी फजीहत से परेशान मनोहर लाल खट्टर सरकार कुछ सख्त कदम उठाने पर विचार कर रही है.

क्या सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाना देशद्रोह नहीं?

ऐसे में यह सवाल उठने लगा है कि क्या सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले और कोर्ट के फैसले के खिलाफ उठने वाले आवाज भी देशद्रोह के दायरे में आएंगे?

करोड़ों देशवासियों की आस्था और राष्ट्रभक्ति से जुड़ा मसला हो या फिर तिरंगे के अपमान से लेकर पाकिस्तान जिंदाबाद नारा लगाने की बात हो, सभी मसलों पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया है.

लेकिन, क्या उपद्रवी भीड़ द्वारा तांडव करने पर भी देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए? क्या जिस व्यक्ति और संस्था की वजह से उपद्रवी भीड़ तांडव करती है, उस पर भी देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए?

फ़र्स्टपोस्ट हिंदी से बाबा राम रहीम के समर्थकों पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करने मामले पर सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अमरेंद्र शरण कहते हैं, ‘देखिए जो इस तरह की घटनाएं होती हैं वह देशद्रोह की श्रेणी में नहीं आती. देशद्रोह यह होता है कि आप ताकत से सरकार पलट रहे हैं. अगर भीड़ उपद्रव करती है तो यह देशद्रोह की श्रेणी में नहीं आती है.’

पिछले शुक्रवार को बाबा राम रहीम को सीबीआई कोर्ट द्वारा दोषी ठहराए जाने के तुरंत बाद फैली हिंसा, आगजनी, तोड़फोड़ के लिए बाबा राम रहीम पर एक भी नया मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है.

रामपाल पर क्यों हुआ था मुकदमा?

जबकि, इससे पहले संत रामपाल को जब सतलोक आश्रम से गिरफ्तार किया गया था तो उन पर राष्ट्रद्रोह से लेकर हिंसा फैलाने तक के मुकदमों की झड़ी लगा दी थी.

हालांकि, इस बार भी पुलिस ने राष्ट्रद्रोह, हिंसा और आगजनी आदि के मुकदमे दर्ज तो किए हैं, लेकिन वे सभी बाबा के सुरक्षा कमांडों और उपद्रवी अनुयायियों के खिलाफ हैं.

बाबा राम रहीम पर नए मुकदमे दर्ज न करने के लिए पुलिस अधिकारी तर्क दे रहे हैं कि संत रामपाल के खिलाफ हिंसा और राष्ट्रद्रोह के मामले इसलिए दर्ज किए गए, क्योंकि हिंसा के समय वह पुलिस कस्टडी में नहीं था.

जबकि, डेरा उपद्रवियों ने जब हिंसा की, उससे पहले बाबा राम रहीम पुलिस की कस्टडी में चुका था.

हरियाणा के डीजीपी बीएस संधू ने मीडिया को बताया कि बाबा राम रहीम पर फिलहाल कोई नया मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है. अगर कोई तथ्य या एविडेंस आएगा तो नया मुकदमा दर्ज किया जाएगा.

पिछले शुक्रवार को गुरमीत राम रहीम सिंह को दोषी करार दिए जाने के बाद कोर्ट परिसर में डेरा प्रमुख के एक सिक्योरिटी गार्ड ने आइजी रैंक के अधिकारी को थप्पड़ मार दिया था. इसके बाद पुलिस ने सिक्योरिटी गार्ड को जमकर पीटा था. साथ ही गार्ड पर देशद्रोह का मामला भी दर्ज किया गया था.

साल 2014 में रोहतक के करौंथा कांड में पेश होने के इनकार करने पर सतलोक आश्रम के संत रामपाल को गिरफ्तार कर अदालत में पेश करने का निर्देश दिया गया था.

हरियाणा पुलिस ने रामपाल के बरवाला स्थित सतलोक आश्रम पर कार्रवाई की. इस दौरान पुलिस और रामपाल समर्थकों में झड़पें हुई थीं. कई महिलाओं की जानें की गई थी. गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने रामपाल समेत सैकड़ों लोगों पर देशद्रोह, हत्या समेत 7 मामले दर्ज किए थे.

हर मामले में रामपाल आरोपी था. दो मामलों में 29 अगस्त को कोर्ट ने रामपाल को बरी कर दिया है.

जब ट्वीट पर देशद्रोह का मुकदमा फिर हिंसा पर क्यों नहीं?

अभी कुछ दिन पहले ही बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ भी देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया था. तेजस्वी यादव के खिलाफ देश के राष्ट्रगीत बंदे मातरम् का अपमान का आरोप लगा था. तेजस्वी यादव के खिलाफ बिहार के दरभंगा जिले में देशद्रोह का यह मुकदमा दर्ज किया गया है.

तेजस्वी पर धारा 124(ए),120(बी), 501(बी), प्रिवेंशन आफ इंशल्ट टू नेशनल एक्ट 69(1971) के तहत तेजस्वी पर मामला दर्ज किया गया.

15 अगस्त को अलग-अलग राज्य सरकारों द्वारा राष्ट्रगीत बंदे मातरम् गाने को अनिवार्य करने को लेकर तेजस्वी यादव ने आलोचना की थी. तेजस्वी ने 13 अगस्त को ट्वीट किया था. अपने ट्वीट में लिखा था कि 'सही कहा इनका बंदे मातरम्- बंदे मारते हैं हम है.' इस ट्वीट के बाद से ही तेजस्वी की लोगों ने आलोचना शुरू कर दी जिसके बाद तेजस्वी के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया था.

लेकिन, हरियाणा में हुए उपद्रव का षडयंत्र रचने वाले डेरा प्रेमियों का मामला दूसरे तरह का है. हरियाणा सरकार के मुताबिक उपद्रवियों को चिह्नित किया जा रहा है. हरियाणा सरकार का कहना है कि वीडियो और ऑडियो फुटेज के आधार पर भी केस दर्ज किए जा रहे हैं.

राज्य सरकार के मुताबिक अभी तक लगभग एक हजार डेरा समर्थकों को गिरफ्तार किया गया है. सरकार इनकी भूमिका की जांच कर इन डेरा समर्थकों पर कई संगीन मामले लगाने पर विचार कर रही है.