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भारतीय जांच एजेंसी भगोड़े कारोबारियों की संपत्तियों के रखरखाव को लेकर क्यों चिंतित है?

केंद्र सरकार मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जब्त सभी चल-अचल संपत्तियों के रखरखाव को लेकर गंभीर हो गई है.

Ravishankar Singh

केंद्र सरकार मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जब्त सभी चल-अचल संपत्तियों के रखरखाव को लेकर गंभीर हो गई है. ऐसा माना जा रहा है कि केंद्र सरकार बहुत जल्द ही इन संपत्तियों के रखरखाव और आय अर्जित करने का जिम्मा नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (एनबीसीसी) के हाथों में देने जा रही है.

ईडी के डायरेक्टर करनैल सिंह के विशेष आग्रह पर वित्त मंत्रालय द्वारा पेश किए गए इस विशेष प्रस्ताव पर बीते 13 मार्च को ही बैठक हुई थी. देश के वित्त सचिव हसमुख अधिया की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में एनबीसीसी के सीएमडी एके मित्तल और खुद ईडी प्रमुख करनैल सिंह उपस्थित थे.


आपको बता दें कि देश में पिछले कुछ दिनों से भगोड़े कारोबारियों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हो रही है. एक के बाद एक घोटालों ने भारतीय जांच एजेंसियों ईडी और सीबीआई की परेशानी बढ़ा दी है. ऐसे में भारतीय जांच एजेंसी ईडी द्वारा इन भगोड़े कारोबारियों की संपत्तियों को बड़े पैमाने पर देश में कुर्क किया जा रहा है. लेकिन, ईडी के पास संसाधन की कमी के कारण इसके रखरखाव को लेकर संकट पैदा होने लगा था.

नीरव मोदी और मेहुल चौकसी और एसबीआई सहित कई बैंकों को 9 हजार करोड़ से अधिक का चुना लगाने वाला विजय माल्या जैसे कई और छोटे-मोटे कारोबारियों की संपत्तियों को इस वक्त देश के कई हिस्सों में कुर्क किया जा रहा है. इनकी संपत्तियों के कुर्क करने के बाद ईडी के पास रखरखाव का संकट आ गया था. इसी को लेकर बीते दिनों वित्त सचिव के साथ बैठक हुई थी.

इस बैठक में ईडी की तरफ से यह तर्क दिया गया कि क्योंकि ईडी के पास इन संपत्तियों के रखरखाव का अनुभव नहीं है. इसलिए कई मामलों में जब्त किए गए संपत्तियों के नष्ट होने का खतरा बना रहता है और साथ ही ईडी के पास उसके रखरखाव में काफी रकम भी खर्च करने पड़ते हैं. ऐसे में सरकार कोई उपाय निकाले.

आपको बता दें ईडी अपने कार्रवाई में भगोड़े कारोबारियों की जमीन, मकान, फ्लैट, फॉर्म हाउस, दुकान सहित कई चल-अचल संपत्तियों को जब्त करती है. पहले भी एनबीसीसी की एक विशेष सब्सिडियरी जब्त संपत्तियों के रखरखाव का काम करती आ रही है. क्योंकि, जब्त संपत्तियों को किराए पर देने का प्रावधान नहीं है. ऐसे में ईडी ने आग्रह किया कि उसके द्वारा जब्त संपत्तियों के रखरखाव का काम एनबीसीसी को दे देनी चाहिए.

दूसरी तरफ भारत सरकार ने बुधवार को ही संसद में कहा है कि इस समय देश में 31 बिजनेसमैन के खिलाफ सीबीआई और ईडी की जांच चल रही है. ये सभी बिजनेसमैन इस समय देश से बाहर भाग चुके हैं. ऐसे में भारतीय जांच एजेंसियों का दायरा आने वाले दिनों में और बढ़ सकता है.

बुधवार को लोकसभा में दिए एक जवाब में देश के विदेश राज्यमंत्री एम जे अकबर ने कहा, ‘भगोड़े काराबारियों की लिस्ट में नीरव मोदी, मेहुल चोकसी, विजय माल्या सहित 31 लोग हैं. इनमें से 12 लोगों के खिलाफ ईडी जांच कर रही है.

देश में हो रहे आर्थिक अपराधों में लगातार बढ़ोतरी और उसके बाद जब्त संपत्तियां सरकार के लिए धीरे-धीरे परेशानी का कारण बनती जा रही थी. ऐसे में सरकार के द्वारा उठाया गया यह कदम ईडी की परेशानी को कम कर सकती है.