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दिल्ली मेट्रो में किराए बढ़ोतरी को लेकर क्यों निशाने पर है डीएमआरसी?

डीएमआरसी 5 महीने में दूसरी बार मेट्रो के किराए में बढ़ोतरी को लेकर अड़ गई है

Ravishankar Singh

दिल्ली मेट्रो का किराया बढ़ाए जाने को लेकर डीएमआरसी और दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार में ठन गई है. डीएमआरसी 5 महीने में दूसरी बार मेट्रो के किराए में बढ़ोतरी को लेकर अड़ गई है.

वहीं, दूसरी तरफ दिल्ली सरकार किराया बढ़ाए जाने के फैसले पर रोक लगाने का आदेश जारी कर दिया है. लेकिन, मेट्रो प्रबंधन किराया बढ़ाने को लेकर पीछे हटने को तैयार नहीं है. दिल्ली मेट्रो का बढ़ा हुआ किराया 10 अक्टूबर से लागू होगा.


एक तरफ डीएमआरसी दिल्ली में चौथे फेज का मेट्रो का काम शुरू करने जा रही है. दिल्ली मेट्रो की मुनाफे की बात करें तो लगातार दिल्ली मेट्रो मुनाफा की बात करती आ रही है. पिछले कुछ सालों से दिल्ली मेट्रो लगातार विस्तार में भी लगी हुई है.

क्या है मेट्रो प्रबंधन की दलील

लेकिन, डीएमआरसी अचानक ही खर्च बढ़ने की दुहाई देने लगी है. डीएमआरसी यह नहीं समझा रही है कि आखिर पांच महीने में दूसरी बार किराए बढ़ाने की नौबत क्यों आ गई है. मेट्रो प्रबंधन की दलील के पीछे क्या सच्चाई है?

डीएमआरसी ने दलील दी है कि मेट्रो का नेटवर्क बढ़ने के साथ ही रखरखाव का खर्च भी बढ़ गया है. साल 2008-09 में ऑपरेशनल (परिचालन) खर्च कुल राजस्‍व का करीब 55 फीसदी था. जो 2016-17 में बढ़कर 74 फीसदी तक हो गया है.

मतलब यह हुआ कि यदि दिल्‍ली मेट्रो एक लाख रुपए एकत्र करता है तो 74 हजार परिचालन पर खर्च हो जाता है.

बाकी पैसे से रखरखाव होता है और लोन चुकाया जाता है. 2008-09 में बिजली की कीमत 3.21 रुपए प्रति यूनिट थी जो अब बढ़कर 6.58 रुपए यूनिट हो गई है.

इसी तरह पहले एक किलोमीटर की मरम्‍मत और रखरखाव का खर्च एक करोड़ रुपए था जो अब बढ़कर 3.13 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है. इन खर्चों की वजह से ही मेट्रो किराया बढ़ाने पर मजबूर है.

डीएमआरसी का कहना है कि मेट्रो वाले सात शहरों की तुलना में यहां का किराया काफी कम है.

60 रुपए होगा अधिकतम किराया 

देश में सबसे बड़ा 218 किलोमीटर का नेटवर्क दिल्‍ली मेट्रो का है. इसका अधिकतम किराया 60 रुपए होने जा रहा है. जबकि चेन्‍नई और मुंबई मेट्रो का नेटवर्क छोटा है और किराया यहां से ज्‍यादा.

दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने इसी साल आठ मई को भी एक बैठक में पहली बार किराया बढ़ाने का निर्णय किया था. उस समय भी दिल्ली सरकार ने किराया बढ़ाए जाने का विरोध किया था. फिर भी किराया बढ़ा दिया गया था.

लेकिन, इस साल दूसरी बार जब किराया बढ़ाने की बात आई तो मुख्यमंत्री ने मोर्चा थाम लिया. अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को ट्वीट कर परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत से इस मामले को देखने का कहा था.

दिल्ली सरकार ने किराया बढ़ाए जाने के आदेश को रोक लगाते हुए कहा है कि जब तक सरकार पूरे मामले को एग्जामिन नहीं कर लेती, तब तक किसी भी तरह की बढ़ोतरी नहीं की जाए.

दिल्ली सरकार का कहना है कि फेयर फिक्सेशन कमिटी ने दिल्ली सरकार द्वारा किराए में बढ़ोतरी के विरोध पर विचार किया था या नहीं? जब तक सरकार इसकी जांच पूरी नहीं कर लेती, तब तक बढ़ोतरी के फैसले को किसी कीमत पर लागू नहीं किया जाए.

मनोज तिवारी ने भी किया विरोध

सीएम केजरीवाल ने मेट्रो किराया बढ़ोतरी को जनविरोधी बताया है. इतना ही नहीं मुख्यमंत्री ने एक हफ्ते में किराया बढ़ोतरी को रोकने का उपाय निकालने के लिए भी कहा है.

दूसरी तरफ अरविंद केजरीवाल के विरोध करने के कुछ घंटे बाद ही दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने भी डीएमआरसी प्रबंधन से किराया बढ़ाने के फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है.

तिवारी ने एक बयान में कहा, 'मई में किराया बढ़ाने के पांच महीने बाद किराया बढ़ाने का फैसला आम आदमी को खासतौर पर छात्रों और नौकरीपेशा लोगों को परेशान करने वाला है.’

पिछले दिनों डीएमआरसी प्रमुख मंगू सिंह ने किराया बढ़ोतरी को लेकर दिल्ली सरकार के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत से मुलाकात की थी. इसके बाद भी बात नहीं बनी. मंगू सिंह ने किराया बढ़ाने को लेकर कई तर्क दिए हैं.

दिल्ली मेट्रो के प्रस्ताव के मुताबिक दिल्ली मेट्रो में किराया न्यूनतम 10 रुपए से लेकर अधिकतम 60 रुपए किया जाएगा जबकि अभी ये न्यूनतम 10 रुपए से अधिकतम 50 रुपए है.

साल 2016 में मेट्रो किराए में बढ़ोतरी को लेकर किराया कमेटी ने अपनी रिपोर्ट कॉरपोरेशन को सौंपी थी. जिसके बाद 2017 के जून महीने से रेलवे के किराए में बढ़ोतरी की गई थी.

दिल्ली मेट्रो ने जून महीने में किराया बढ़ाए जाने से पहले अंतिम बार किराया बढ़ोतरी साल 2009 में की थी. 13 नवंबर 2009 को लगभग चार साल बाद उस समय न्यूनतम किराया 6 रुपए से बढ़ाकर आठ रुपए और अधिकतम किराया 22 रुपए से बढ़ाकर 30 रुपए किया गया था. अब छठी बार 10 अक्टूबर 2017 को न्यूनतम 10 रुपए रहेगा लेकिन अधिकतम किराया 60 रुपए पहुंच जाएगा.

देश में एक तरफ सरकार पब्लिक ट्रांसपोर्ट को मजबूत करने की बात करती है और वहीं दूसरी तरफ मेट्रो किराए में बढ़ोतरी जैसे कदमों से इन कोशिशों को धक्का पहुंचाने का काम भी सरकार ही करती है. रेलवे के बाद अब मेट्रो किराए बढ़ाने को लेकर भी सरकार घेरे में है. सरकार के द्वारा रख-रखाव और परिचालन महंगा होने की बात आम जनता की समझ से परे है.