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जानिए क्यों नहीं किया अरब देशों ने पीएम मोदी की इजरायल यात्रा का विरोध?

अरब मुल्कों की कुटनीतिक नीति थी कि इजरायल को बाकी देशों से अलग-थलग करने की

FP Staff

ऐसा पहली बार भारत का कोई प्रधानमंत्री इजराइल गया है लेकिन इस पर कहीं कोई ऐतराज नहीं जताया गया. जबकि 15-20 साल पहले अगर भारत का कोई पीएम इजरायल जाता तो अरब मुल्कों में बहुत से मुल्क एतराज जताने लगते. उस वक्त ये मुल्क भारत का विरोध इसीलिए करते क्योंकि भारत ने जवाहर लाल नेहरू के वक्त से ही फिलिस्तीन का सर्मथन किया था. फिलिस्तीन उस जमीन पर हक जताता है जिस पर इजरायल बसा है. इस वजह से अरब मुल्कों और इज़राइल के बीच युद्ध भी हो चुके हैं. अरब मुल्कों की कुटनीतिक नीति थी कि इजरायल को बाकी देशों से अलग-थलग करने की. लेकिन अब जब पीएम मोदी इजरायल गए हैं तो कहीं कोई भी ऐतराज नहीं किया जा रहा है. आइये जानते हैं भारत के बदले रूख की क्या वजह है.

अरब मुल्क आपसी झगड़ो में उलझे हुए हैं


दरअसल इसके पीछे अरब मुल्कों का मौजूदा हाल भी जिम्मेदार है, फिलहाल अरब मुल्क इज़राइल के बजाए शिया-सुन्नी के झगड़े में उलझे हुए हैं .सऊदी अरब सुन्नी मुल्क है वहीं ईरान शिया मुल्क है. दोनों मुल्क कई मोर्चे पर एक दूसरे से लड़ रहे हैं .सीरिया और इराक में ईरान और सऊदी अरब के समर्थक गुट लड़ रहे हैं. खुद सऊदी अरब को लगता है कि ईरान के खिलाफ इजराइल काम आ सकता है.वहीं जार्डेन जैसे मुल्क भी हैं जो इजराइल से बेहतर रिश्ते बना रहे हैं इसीलिए भारत को अब इजराइल से दोस्ती बढ़ाने में अरब मुल्कों की नाराजगी की ज्यादा फिक्र नहीं है.

अरब देशों ने कश्मीर मसले पर कभी भी भारत का साथ नहीं दिया

दूसरी वजह ये भी है कि भारत को भी लगता है कि उसकी फिलिस्तीन नीति के बावजूद अरब मुल्क पाकिस्तान का साथ देते हैं. अरब मुल्कों ने भारत की फ़िलिस्तीन नीति की कद्र नहीं की. कश्मीर मुद्दे को सुलझाने में अरब मुल्कों ने मदद नहीं दी. दरअसल, मुस्लिम देशों का एक संगठन है OIC यानी Organisation of Islamic Conference -OIC ने कश्मीर मुद्दे पर हमेशा पाकिस्तान का ही साथ दिया है लेकिन इसके बावजूद इजराइल की यात्रा करने से पहले पीएम मोदी ने अरब मुल्कों के रवैए में बदलाव करने के लिए मेहनत करनी पड़ी.

बदलता बाज़ार भी एक वजह है

पीएम की इज़राइल यात्रा तय थी इसके बावजूद हाल ही में तुर्की के राष्ट्रपति भारत आए तुर्की भी इजरायल का विरोधी है लेकिन वो भारत के बाजार में पैर जमाना चाहता है. ईरान ने भी साफ किया है कि उसे इससे मतलब नहीं है कि भारत किससे दोस्ती करता है. वो सिर्फ ये चाहता है कि भारत और ईरान के रिश्तों में दूसरे मुल्क दखलअंदाजी न कर सकें. यही नहीं दुनिया में भारत बड़ी ताक़त बन रहा है इसलिए भी अरब मुल्क सख्त रवैया नहीं अपना सके हैं. दुनिया के इन्हीं हालात का फायदा पीएम मोदी ने उठाया है और वो इजरायल से खुलकर उन रिश्तों को अब निभाना चाहते हैं जिन्हें भारत अब तक पर्दे के पीछे से निभाता था.

(साभार: न्यूज़18)