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शशिकला से पहले उमा भारती पर चला था डी. रूपा का हंटर

शशिकला के खुलासे से पहले भी डी रूपा सुपरकॉप की तरह काम करती आई हैं

FP Staff

आय से अधिक संपत्ति मामले में बेंगलुरु की पारापन्ना अग्रहारा जेल में बंद शशिकला ने स्पेशल ट्रीटमेंट के लिए 2 करोड़ रुपए रिश्वत दी थी. इस बात का खुलासा कर तमिलनाडु की दंबग पुलिस ऑफिसर डी रूपा ने किया था. महिला ऑफिसर ने सिस्टम के खिलाफ जाकर इस बात का खुलासा किया था. रूपा के द्वारा दी गई रिपोर्ट में जेल के डायरेक्टर जनरल ने इस वीआईपी सुविधाओं के बदले 2 करोड़ रुपए लिए थे. डीजी ने इस सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया.

कौन हैं डी रूपा?


डी रूपा को पुलिस में अपनी सेवा के लिए कई पुरस्कारों से भी नवाजा जा चुका है. अपने मेहनत के दम पर डी रूपा ने सन् 2000 के यूपीएससी एग्जाम में 43वीं रैंक प्राप्त की थी. ट्रेनिंग के दौरान रूपा ने अपने बैच में पांचवां स्थान हासिल किया था और रूपा एक मात्र अधिकारी थीं जिन्हें कर्नाटक कैडर दिया गया. रूपा की ट्रेनिंग एनपीएस हैदराबाद में हुई. रूपा एक शार्प शूटर भी हैं और अपनी बेहतरीन कार्यशैली की चलते उन्हें कई अवॉर्ड भी मिल चुके हैं. कठोर फैसले और सराहनीय कार्यों के लिए इस सुपरकॉप को प्रेसिडेंट पुलिस मेडल से भी नवाजा जा चुका है.

रूपा ने भरतनाट्यम डांस भी सीख रखा है और शास्त्रीय हिंदुस्तानी संगीत से भी अच्छी तरह वाकिफ हैं. 2004 में मध्य प्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री उमा भारती को गिरफ्तार कर डी रूपा ने खूब सुर्खियां बटोरी थीं. दंगे भड़काने के आरोप में कोर्ट ने उमा भारती की गिरफ्तारी के आदेश दिए थे. जिसके बाद यह जिम्मेदारी डी रूपा को सौंपी गई. उमा भारती को तब बीजेपी की फायर ब्रांड नेता कहा जाता था. उनकी गिरफ्तारी अपने आप में एक बहुत बड़ा काम था.

इसके बाद वीवीआईपी और नेताओं की सुरक्षा में तैनात पुलिस सुरक्षा कर्मियों को हटा कर भी वो अखबारों की हेडलाइन्स बनीं. रूपा का करियर मात्र 17 साल का है लेकिन अपने छोटे से करियर में उन्होंने कई बड़े फैसले लिए.

येदुरप्पा के काफिले से वापस मांग ली थी गाड़ियां

डीसीपी सिटी आर्म्ड रिजर्व के तौर पर रूपा ने पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदुरप्पा के साथ चलने वाले कारों के काफिले की संख्या भी कम कर दी थी. नेताओं की सुरक्षा में लगे गैरजरूरी पुलिस कर्मियों के बाद बिना परमिट के चल रहे वाहनों को हटाने का आदेश देकर रूपा ने खलबली मचा दी थी.

हाल में उन्होंने कुछ समय पहले उन्होंने फेसबुक पोस्ट में मैसूर के सांसद प्रताप सिंह पर आरोप लगाया था कि नेता अपने पसंद के अफसरों की पोस्टिंग करवाते हैं. इनकी यह पोस्ट काफी चर्चाओं में रही थी.

लंबी छुट्टी के बाद ड्यूटी पर लौटी डी. रूपा ने साफ कर दिया है कि जो भी अब बेंगलुरू की जेल में चलता आ रहा है वो अब आगे नहीं चलेगा. क्योंकि अब डी. रूपा के जिम्मे जेल की जिम्मेदारी होगी.