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जानिए कौन है इंजीनियर से स्वघोषित भगवान बना संत रामपाल

रामपल पर सरकारी कार्यों में बाधा डालने और अपने आश्रम में लोगों को बंदी बनाने का मामला दर्ज है

FP Staff

संत रामपाल को हिसार की अदालत ने पुलिस पर हमला करने और बंधक बनाने के मामले में बरी कर दिया है. हालांकि उनपर देशद्रोह और हत्या का मामला जारी रहेगा. रामपाल पर देशद्रोह सहित सात संगीन मामले दर्ज हैं.

एफआईआर नंबर 426 के तहत रामपल पर सरकारी कार्यों में बाधा डालने और एफआईआर नंबर 427 के तहत अपने आश्रम में लोगों को बंदी बनाने का मामला दर्ज था. आपको बता दें कि रामपाल फिलहाल देशद्रोह के मामले में हिसार जेल में बंद हैं. वहीं 2006 में रामपाल पर हत्या का एक केस भी दर्ज हुआ था.


कौन है संत रामपाल ?

खुद को कबीरपंथी और भगवान का रूप बताने वाला रामपाल, हिंदू धर्म के भगवानों को नहीं मानते. हरियाणा के सोनीपत के गोहाना तहसील में जन्में रामपाल दास हरियाणा सरकार के सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर की नौकरी किया करता था.

इसी दौरान उसकी मुलाकात कबीरपंती स्वामी रामदेवानंद महाराज से हुई. इसके बाद रामपाल उनका शिष्य बन गया. रामपाल नौकरी छोड़ सत्संग करने लगा और देखते-देखते उसके अनुयायियों की संख्या बढ़ने लगी.

1999 में करौंथा गांव में उसने सतलोक आश्रम का निर्माण किया. आश्रम बनाने के लिए उसे जमीन कमला देवी नाम की महिला ने दे दी. सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन कुछ सालों बाद आसपास के गांव के लोगों ने रामपाल के प्रवचनों का विरोध करना शुरू कर दिया. विरोध करने वालों में ज्यादातर लोग आर्यसमाज के थे.

कैसे बढ़ा मामला

2006 में रामपाल ने आर्यसमाज के संस्थापक स्वामी दयानंद की किताब को लेकर टिप्पणी की. जिससे आर्यसमाज के समर्थक बेहद नाराज हो गए. इसके बाद आर्यसमाज और रामपाल के समर्थकों के बीच हिंसक झड़प हुई और हालात काबू से बाहर हो गए.

इस हिंसा में एक महिला की मौत हो गई. पुलिस ने रामपाल को हत्या के मामले में हिरासत में लिया. जिसके बाद रामपाल को करीब 22 महीने जेल में काटने पड़े. लेकिन 30 अप्रैल 2008 को वह जमानत पर रिहा हो गया.

2009 में रामपाल को आश्रम वापस मिल गया. लेकिन इसके खिलाफ आर्यसमाज के समर्थकों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया मगर कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी.

2014 में रामपाल मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट में पेश नहीं हुआ. जिसके बाद कोर्ट ने गिरफ्तारी के आदेश दे दिए. पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों ने 12 दिनों की कड़ी मशक्कत के बाद उन्हें गिरफ्तार किया. पुलिस और रामपाल के समर्थकों के बीच हुई इस हिंसक झड़प में करीब 120 लोग घायल हो गए थे. जिनमें कई पुलिसकर्मी भी थे. सतलोक आश्रम से पांच महिलाओं और एक बच्चे की लाश भी मिली थी. 2014 में रामपाल को गिरफ्तार कर लिया गया था.

रामपाल पर ये हैं बड़े मामले

मध्‍य प्रदेश निवासी रजनी की आश्रम में मौत मामले में हत्‍या का केस.

सतलोक आश्रम में भगदड़ के दौरान पांच भक्‍तों की मौत पर रामपाल और उसके 13 सहयोगियों पर हत्‍या का दूसरा केस.

रामपाल सहित उसके 942 समर्थकों पर देशद्रोह का केस. इस मामले में हिसार में सोमवार को भी सुनवाई हुई. जिसमें 241 आरोपी अदालत में पेश हुए.

रामपाल और उसके चार अन्‍य साथियों पर रास्‍ता रोक कर संगत को बंधक बनाने का मामला.

रामपाल और उसके साथियों पर नवंबर 2014 में सरकारी काम में बाधा डालने का मामला.

रामपाल और उसके 14 साथियों पर पुस्‍तकों के माध्‍यम से धार्मिक भावनाएं भड़काने का केस.

सतलोक आश्रम में करीब 400 सिलेंडर पाए जाने पर आवश्‍यक वस्‍तु अधिनियम के तहत केस.