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कौन है आसिया अंद्राबी, जिनपर लगा है देश के खिलाफ जंग छेड़ने का आरोप

अंद्राबी कई बार आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा के मुखिया हाफिज सईद का खुला समर्थन करती भी दिखीं

FP Staff

कश्मीर की अलगाववादी नेता आसिया अंद्राबी को दिल्ली की एक अदालत ने 10 दिन के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की हिरासत में सौंपा है. एनआईए अधिकारी फिलहाल अंद्राबी और उनकी दो सहायकों- सोफी फहमीदा और नाहिदा नसरीन के पूछताछ कर रही है.

आसिया अंद्राबी का संगठन दुख्तरान ए मिल्लत (देश की बेटियां) हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से जुड़ा महिला धड़ा है. 56 वर्षीय अंद्राबी पर देश के खिलाफ जंग छेड़ने का आरोप है और भारत सरकार ने उसके संगठन को प्रतिबंधित कर रखा है.


अंद्राबी कई बार आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा के मुखिया हाफिज सईद का खुला समर्थन करती भी दिखी. एनआईए के अधिकारी के मुताबिक, आसिया ने पिछले साल टेलीफोन पर हाफिज सईद को संबोधित किया था. इस दौरान हाफिज उन्हें बहन कहकर बुला रहा था.'

अंद्राबी के ट्वीट बनेंगे ठोस सबूत

एनआईए के अधिकारी के मुताबिक, अंद्राबी खुलेआम भारत विरोधी ट्वीट् करती रही हैं. उसके ट्विटर हैंडल पर करीबी नजर डालने पर वहां उनके फॉलोअर्स में कई लश्कर आंतकी दिखे. इनमें से कुछ कश्मीर घाटी में सक्रीय हैं, वहीं कुछ पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में छुपे बैठे हैं. उन्होंने बताया कि उर्दू में किए अंद्राबी के ट्वीट्स का अनुवाद कराया जा रहा है. अंद्राबी के खिलाफ तैयार किए जा रहे डोजियर में इसे सबूत के तौर पर पेश किया जा सकता है.

अंद्राबी पर दर्ज कई मामले

आसिया अंद्राबी पर हर 14 अगस्त पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर श्रीनगर में पाकिस्तानी झंडा फहराने, घाटी में लड़कियों को सुरक्षाबलों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन के लिए भड़काने सहित कई मामले दर्ज हैं.

कश्मीर घाटी की युवा छात्राओं पर अंद्राबी का खासा असर माना जाता है. बताया जाता है कि साल 2016 में हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहानी वानी की सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मौत के बाद घाटी में उसी के उकसावे पर छात्राओं ने सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी की थी.

नजरबंद होन के बावजूद देती रही पाकिस्तान का साथ

एनआईए अधिकारियों के मुताबिक, आसिया की इन हरकतों की वजह से उसे कई बार नजरबंद किया गया, लेकिन फिर भी वह खुलेआम पाकिस्तान में बैठे भारत विरोधी ताकतों का साथ देती रही.

अधिकारियों का कहना है कि इस बार उनके पास आसिया के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं कि उसने कई कॉलेज छात्राओं को सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन और पत्थरबाजी के लिए उकसाया.

आसिया ने बायोक्रेमेस्ट्री से ग्रैजुएशन और अरबी से पोस्टग्रेजुएशन किया है. 1990 में उसकी हिज्बुल मुजाहिदीन के संस्थापकों में शामिल डॉ. कासिम फक्तू से शादी हुई थी. सुरक्षाबलों ने 1993 में फक्तू को गिरफ्तार कर लिया था, जिसके बाद से वह जेल में ही बंद है. उस वक्त तक आसिया खुद भी बड़ी अलगाववादी नेता में शुमार की जाने लगी थी. आसिया के दोनों बेटे विदेश में पढ़ाई कर रहे हैं. बड़ा बेटा मेलबर्न से एमटेक, जबकि छोटा मलेशिया में इस्लामिक यूनिवर्सिटी का छात्र है.

(न्यूज 18 से साभार)