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दिल्ली पुलिस कमिश्नर की कुर्सी आलोक वर्मा के बाद कौन संभालेगा?

दिल्ली के नए पुलिस कमिश्नर की रेस में दीपक मिश्रा का नाम पहले नंबर पर है.

Ravishankar Singh

आलोक वर्मा के सीबीआई डायरेक्टर बनते ही दिल्ली पुलिस कमिश्नर की तलाश शुरू हो गई है. नए पुलिस कमिश्नर की रेस में वैसे तो कई नाम चल रहे हैं.

1-दीपक मिश्रा


1984 बैच के आईपीएस अधिकारी दीपक मिश्रा का नाम सबसे ज्यादा चर्चा में है. दीपक मिश्रा इस समय सीआरपीएफ के एडिशनल डीजी के पद पर हैं.

कुछ साल पहले तक दिल्ली के पूर्व पुलिस कमिश्नर नीरज कुमार और बीएस बस्सी के बाद दिल्ली पुलिस में काम-काज के लिहाज से दीपक मिश्रा नंबर 2 हुआ करते थे. क्योंकि वरीयता में विमला मेहरा दीपक मिश्रा से सीनियर थीं. विमला मेहरा उस समय तिहाड़ की डीजी थीं.

बीएस बस्सी के रिटायमेंट के वक्त भी दीपक मिश्रा का नाम पुलिस कमिश्नर की रेस में चल रहा था लेकिन बाजी मारी आलोक वर्मा ने. आलोक वर्मा के पुलिस कमिश्नर बनते ही दीपक मिश्रा का तबादला सीआरपीएफ में कर दिया गया.

दीपक मिश्रा के बारे में कहा जाता है कि वो एक तेज-तर्रार और ईमानदार अफसर हैं. दीपक मिश्रा को मिजोरम-अरुणाचल प्रदेश में काम करने के अलावा  एनएसजी जैसी एजेंसियों में भी काम करने का अनुभव है. लेकिन दिल्ली पुलिस के कई अहम विभागों में उनके काम करने का अनुभव उनके पक्ष में जा सकता है.

2-धर्मेंद्र कुमार

दूसरा नाम आता है धर्मेंद्र कुमार का. 1984 बैच के ही धर्मेंद्र कुमार भी पुलिस कमिश्नर की रेस में हैं. धर्मेंद्र कुमार फिलहाल एडिशनल डीजी सीआईएसएफ के पद पर हैं.

धर्मेंद्र कुमार ने भी दीपक मिश्रा की तरह दिल्ली पुलिस के कई अहम विभागों में अहम पदों पर काम किया है. धर्मेंद्र कुमार के स्पेशल सीपी लॉ एंड आर्डर रहते बाबा रामदेव के खिलाफ रामलीला मैदान में कार्रवाई हुई थी जिसकी बाद में काफी किरकिरी भी हुई थी. दरअसल दिल्ली पुलिस की इस कार्रवाई के बाद कोर्ट ने काफी सख्त रुख अपनाया था.

धर्मेंद्र कुमार के लिये कहा जाता था कि बीएस बस्सी के कमिश्नर रहने के वक्त धर्मेंद्र कुमार की महकमें में काफी धाक थी. बस्सी के बाद जब आलोक वर्मा सीपी बने तब ये कहा गया कि धर्मेंद्र कुमार की ताकत में इजाफा होगा लेकिन हुआ इसका उलट.

दीपक मिश्रा की ही तरह धर्मेंद्र कुमार का भी तबादला सीआईएसएफ में कर दिया गया. सूत्रों के मुताबिक अगर सरकार को पुलिस कमिश्नर के बारे में आलोक वर्मा से राय मांगनी पड़ी तो वर्मा दीपक मिश्रा की जगह धर्मेंद्र कुमार को ज्यादा तरजीह दे सकते हैं.

3-अमूल्य पटनायक

तीसरे नाम पर जिसकी चर्चा चल रही है उनका नाम है अमूल्य पटनायक. यूटी कैडर के 1985 बैच के आईपीएस अधिकारी अमूल्य पटनायक दीपक मिश्रा और धर्मेंद्र कुमार से जूनियर हैं. पटनायक इस समय दिल्ली पुलिस में विशेष आयुक्त एडमिन है.

दिल्ली पुलिस के अहम विभागों में पटनायक का काम करने का कोई अनुभव नहीं है. साथ ही पटनायक के पास अभी लगभग चार साल का वक्त बचा है.

जबकि दीपक मिश्रा और धर्मेंद्र कुमार का कार्यकाल दो साल का बाकी है.

इस लिहाज से पटनायक की उम्मीदवारी पर विराम लग सकता है. हालांकि आज तक दिल्ली के किसी भी सीपी का कार्यकाल चार साल तक नहीं रहा है.

इसके साथ ही कई और आईपीएस अधिकारियों के बारे में भी कयास लगाए जा रहे हैं.

4. जे.के शर्मा

दिल्ली पुलिस की वरिष्ठता की बात करें तो इन तीनों अधिकारियों में से जे.के शर्मा सबसे वरिष्ठ हैं. पर उनका पिछला रिकॉर्ड सीपी बनने में बाधक होगा. जेके शर्मा पर लगे एक आरोप की सीबीआई जांच भी कर रही है. साथ ही वह दिल्ली से लगभग बाहर ही रहे हैं.

5. राकेश अस्थाना

मीडिया में राकेश अस्थाना के नाम की भी चर्चा है. ऐसी चर्चा गरम है कि सीबीआई के इंचार्ज डायरेक्टर राकेश अस्थाना भी पुलिस कमिश्नर की रेस में शामिल हैं.

माना जा रहा है कि सरकार किसी विवाद में पड़ने से बचने के लिए 80 और 90 की दशक वाली कहानी दोहरा सकती है. 80 के दशक में दिल्ली में गैर यूटी कैडर के एक आईपीएस अधिकारी सुभाष टंडन को सीपी बनाया जा चुका है.

यही कहानी साल 1998 में फिर दोहराई गई थी. जब उत्तर प्रदेश कैडर के आईपीएस अधिकारी अजय राज शर्मा को दिल्ली का पुलिस कमिश्नर बना दिया गया था.

दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि '26 जनवरी काफी करीब है. गणतंत्र दिवस की सुरक्षा को लेकर सरकार सजग है. इसलिए सरकार नहीं चाहती है कि आलोक वर्मा 26 जनवरी से पहले सीबीआई का चार्ज लें. इस बीच केंद्र सरकार को नए सीपी की तलाश करने के लिए काफी वक्त भी मिल जाएगा.'