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जब वेंकैया नायडू को फर्जी विज्ञापन से लगा 1230 रुपए का चूना

एसपी सदस्य नरेश अग्रवाल द्वारा राज्यसभा में भ्रामक विज्ञापनों का मुद्दा उठाने के बाद वेंकैया नायडू ने अपना अनुभव साझा किया

FP Staff

राज्यसभा में एसपी सदस्य नरेश अग्रवाल ने शुक्रवार को भ्रामक विज्ञापन का मुद्दा उठाया था. इसके जवाब में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने भी अपना अनुभव साझा किया.

अपना अनुभव बताते हुए नायडू ने कहा '28 दिन में वजन कम करने के एक विज्ञापन को अखबार में देखकर उन्होंने ऐसी दवाओं की हकीकत जानने का प्रयास किया. इसमें पता चला कि दवाओं के नाम पर फर्जी उत्पाद बेचने के लिए भ्रामक विज्ञापनों का कारोबार अमेरिका से संचालित हो रहा है. नायडू ने सरकार से इसकी तह में जाकर इस स्थिति से उपभोक्ताओं को बचाने के उपाय करने को कहा.'


आगे बोलते हुए नायडू ने कहा 'मैंने भी 28 दिन में वेट लॉस करने का ऐड देखा और प्रोडक्ट ऑर्डर किया था. इसकी कीमत 1230 रुपए थी. जब पैकेट खोला तो उसमें असली दवा मंगाने के लिए 1 हजार रुपए और पेमेंट के लिए कहा गया.'

राज्यसभा में शुक्रवार को एसपी सदस्य नरेश अग्रवाल द्वारा यह मुद्दा उठाने पर पासवान ने कहा कि सरकार समस्या की गंभीरता से अवगत है. इससे निपटने के लिए नया कानून संसद में विचाराधीन है. उन्होंने स्वीकार किया कि समस्या के समाधान में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 कारगर साबित नहीं हो पा रहा है. इसलिए नए स्वरूप में विधेयक को संसद के दोनों सदनों में पेश किया गया था लेकिन कुछ सुझावों के साथ इसे स्थाई समिति के पास भेज दिया गया.

अग्रवाल ने आगे बोलते हुए कहा कि समिति द्वारा पेश सुझावों को संशोधित विधेयक में शामिल करने के बाद इसे मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल गई है. जल्द ही इसे दोनों सदनों में फिर से पेश किया जाएगा. पासवान ने समस्या की गंभीरता को देखते हुए सदस्यों से इसे यथाशीघ्र पारित कराने में सकारात्मक सहयोग की अपील की.