view all

बजट 2017: इनकम टैक्स पर छूट या कड़वा घूंट

क्या सरकार टैक्स स्लैब बढ़ाकर आम लोगों को नोटबंदी के दर्द से राहत देगी?

Pratima Sharma

नोटबंदी की चोट के बाद आम लोगों को उम्मीद है कि अरुण जेटली बजट में राहत देकर दर्द कम कर सकती है. ऐसे में इस बात की संभावना कितनी है कि याकसा

इस मामले में आर्थिक मामलों के जानकार राजेश रापरिया का कहना है कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि आम जनता को नोटबंदी से काफी परेशानी हुई है. लेकिन सरकार के पास बजट में इनकम टैक्स स्लैब बढ़ाने की कितनी गुंजाइश है, यह देखना ज्यादा अहम होगा.


रापरिया का कहना है, 'कुछ खबरें आई थी कि इस साल टैक्स स्लैब 2.50 लाख रुपए से बढ़ाकर 4 लाख रुपए किया जा सकता है लेकिन यह मुमकिन नहीं है. सरकार बमुश्किल टैक्स स्लैब को 2.50 लाख रुपए से बढ़ाकर 3 लाख रुपए कर सकती है. इसी बात की संभावना ज्यादा है.'

स्टैंडर्ड टैक्स लेकर आएगा राहत

2005 से पहले तक वेतन भोगियों को 'स्टैंडर्ड डिडक्शन' की सुविधा मिलती थी. 2005-2006 के आम बजट में तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने इनकम टैक्स का स्लैब 50 हजार रुपए से बढ़ाकर एक लाख रुपए सालाना कर दिया. इससे उस वक्त करीब 1.4 करोड़ आयकर दाताओं को फायदा पहुंचा.

दूसरी तरफ उन्होंने 'स्टैंडर्ड डिडक्शन' को हटा दिया. चिदंबरम का कहना था कि इनकम टैक्स स्लैब बढ़ाने के बाद 'स्टैंडर्ड डिडक्शन'की जरूरत खत्म हो गई है. हालांकि अब यह उम्मीद बढ़ी है कि सराकर इस साल बजट में दोबारा 'स्टैंडर्ड डिडक्शन'को लागू किया जाता है.

इस मामले में राजेश रापरिया का कहना है, 'नोटबंदी से जनता बेहाल है. ऐसे में अगर सरकार 30 हजार रुपए का भी स्टैंडर्ड डिडक्शन लागू करती है तो आम आदमी को काफी राहत मिल सकती है.'