पश्चिम बंगाल विधानसभा ने सोमवार को एक विधेयक पारित किया है जो राज्य के नगर निकायों को अधिकार देता है कि मच्छरों के पनपने और मच्छर जनित रोगों के फैलाव पर रोकथाम में नाकाम रहने वाले वाले निवासियों पर वह अधिकतम एक लाख रुपए का जुर्माना लगा सकता है.
पश्चिम बंगाल नगर निकाय (दूसरा संशोधन) विधेयक 2018 में ऐसा प्रावधान भी है जिससे सार्वजनिक जगहों पर ठोस कचरा फेंकने पर जुर्माने की राशि बढ़कर अधिकतम 50,000 रुपए हो जाएगी. राज्य के नगर निकाय मामलों के मंत्री फिरहाद हकीम के मुताबिक, दोनों मामलों में दंड में बढ़ोतरी की गई है ताकि लोगों में जागरूकता पैदा की जा सके.
सार्वजनिक जगहों में ठोस कचरा फेंकने पर रोकथाम के विभिन्न नियमों की हो रही अनदेखी
हकीम ने पत्रकारों को बताया, ‘विभिन्न नगर निकायों में कई जागरूकता कार्यक्रम चलाने के बावजूद हम देख रहे हैं कि मच्छरों के पनपने और सार्वजनिक जगहों में ठोस कचरा फेंकने पर रोकथाम के विभिन्न नियमों की अनदेखी की प्रवृति है.’
विधेयक के अन्य उद्देश्यों में यह भी शामिल है कि किसी निकाय क्षेत्र के भीतर या बाहर किसी अधिसूचित बैंक में निकाय कोष के लिए बैंक खाता खोला जाएगा. राज्य के हर नगर निकाय क्षेत्र में जमीन के मालिकाना हक या इमारत या अपार्टमेंट के अंतरण के लिए शुल्क देना होगा. सरकारी स्वामित्व वाले अस्पतालों और क्लीनिकों के संचालन के लिए इस्तेमाल में लाए जा रहे भवनों पर संपत्ति कर से छूट दी गई है.
वरिष्ठ नागरिकों को संपत्ति कर से छूट के लाभ के लिए उम्र 65 से घटाकर 60 साल कर दी गई है.