view all

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने नहीं किया हिंसा प्रभावित मुस्लिम बहुल इलाकों का दौरा!

लगभग साढ़े चार घंटे के अपने इस दौरे के दौरान केसरी नाथ त्रिपाठी किसी मुस्लिम-बहुल इलाके में नहीं गए

FP Staff

पश्चिम बंगाल के गवर्नर केसरी नाथ त्रिपाठी ने शनिवार को आसनसोल और रानीगंज के दंगा-प्रभावित इलाकों का दौरा किया और पीड़ितों और अधिकारियों से मुलाकात कर हालात का जायजा लिया. लगभग साढ़े चार घंटे के अपने इस दौरे के दौरान केसरी नाथ त्रिपाठी किसी मुस्लिम-बहुल इलाके में नहीं गए.

इंडियन एक्प्रेस में छपी खबर के मुताबिक जब प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्यपाल से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने इसका जवाब नहीं दिया. पुलिस अफसरों ने कहा कि राज्यपाल ने ऐसे इलाकों में जाने के बारे में नहीं इच्छा नहीं जाहिर की और अगर उन्होंने यह कहा भी होता तो उन्हें वहां ले जाना मुश्किल होता.


ये सांप्रदायिक दंगे रामनवमी के एक दिन बाद 26 मार्च को भड़के थे जिसमें महेश मंडल की रानीगंज में और सिबतुल्ला रशीदी की आसनसोल में मौत हो गई थी. इन दंगों में कई लोग घायल भी हुए थे और कई घरों और दुकानों को दंगाईयों में आग लगा दी थी.

पहले राज्य सरकार ने रोका था दौरा करने से

राज्य सरकार ने इससे पहले केसरी नाथ त्रिपाठी को दंगों के ठीक अगले दिन इन इलाकों का दौरा न करने को कहा था. आसनसोल सर्किट हाउस में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस, डीएम और अन्य अफसरों से बात की और ताजा स्थिति की जानकारी ली और वे प्रशासन की कार्रवाई से संतुष्ट हैं. राज्यपाल ने कहा कि वे यहां शांति के संदेश लेकर आए हैं और मैंने सभी लोगों से सौहार्द बनाए रखने और एक दूसरे का सम्मान करने की अपील की है. त्रिपाठी ने यह भी कहा कि सभी को एक-दूसरे के धार्मिक उत्सवों का आदर करना चाहिए.

मुस्लिम-बहुल इलाके चेंगीडांगा में रहने वाले स्कूल टीचर तारिक अनवर ने कहा हमने सुना कि राज्यपाल आ रहे हैं. हमें उम्मीद थी कि वे हमसे मिलेंगे. वे किसी खास समुदाय नहीं बल्कि सरकार के प्रमुख हैं. वे इतने नजदीक आए लेकिन हमारे इलाकों का दौरा नहीं किया. कम से कम अपने बेटे को खोने वाले इमाम के पास तो आना चाहिए था. त्रिपाठी आसनसोल के चौक का दौरा किया जहां इन दंगों में मारा गया सिबतुल्ला रहता था. दंगा प्रभावित इलाकों में शामिल वार्ड नंबर 25 के तृणमूल कांग्रेस से काउंसर नसीम अंसारी ने कहा कि मुझे नहीं पता कि माननीय राज्यपाल ने मुस्लिम बहुल इलाकों का दौरा क्यों नहीं किया. हमें उम्मीद थी कि वे आएंगे और हमें सुनेंगे.

राज्यपाल सबसे पहले कल्याणपुर हाउसिंग के कम्युनिटी हॉल में गए जहां दंगों के बाद लोगों ने शरण ली थी. लेकिन अधिकतर लोग 2 दिन पहले ही इस जगह को छोड़कर जा चुके थे. राज्यपाल ने सिर्फ बचे-खुचे लोगों से मुलाकात की. इसके बाद वे दंगों से बुरी तरह प्रभावित चांदमारी के दौरे पर गए और कुछ जले हुए दुकानों को देखा.