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पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव: कोर्ट 9 अप्रैल को बीजेपी की याचिका पर सुनाएगा आदेश

न्यायमूर्ति आर के अग्रवाल और न्यायमूर्ति ए एम सप्रे की पीठ ने कहा, 'हम नौ अप्रैल के लिए आदेश सुरक्षित रख रहे हैं.'

Bhasha

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनावों में बीजेपी प्रत्याशियों को नामांकन पत्र दाखिल नहीं करने देने के आरोप वाली याचिका पर नौ अप्रैल को आदेश दिया जाएगा.

बीजेपी की प्रदेश इकाई ने अपनी याचिका में कोर्ट से अनुरोध किया कि पंचायत चुनावों में नामांकन पत्र दाखिल करने की तारीख नौ अप्रैल से बढ़ाई जाए और नामांकन पत्र आनलाइन उपलब्ध कराए जाएं.


पार्टी ने अपने प्रत्याशियों के लिए पुलिस संरक्षण प्रदान करने के साथ ही कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए केंद्रीय बल तैनात करने का अनुरोध किया है ताकि पंचायत चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो सकें.

न्यायमूर्ति आर के अग्रवाल और न्यायमूर्ति ए एम सप्रे की पीठ ने कहा, 'हम नौ अप्रैल के लिए आदेश सुरक्षित रख रहे हैं.'

पश्चिम बंगाल में एक, तीन और पांच मई को पंचायत चुनाव होने हैं जबकि मतगणना का काम आठ मई को होगा. चुनाव की अधिसूचना के अनुसार इसके लिए नौ अप्रैल नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि है और इनकी जांच 11 अप्रैल को होगी.

याचिका पर सुनवाई के दौरान बीजेपी की प्रदेश इकाई की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा की राज्य में 'लोकतंत्र की हत्या की जा रही है.' प्रत्याशियों को अपने नामांकन पत्र दाखिल नहीं करने दिए जा रहे हैं और वहां बड़े पैमाने पर हिंसा हो रही है.

रोहतगी ने न्यायालय को सूचित किया कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने भी इसी अनुरोध के साथ कलकत्ता हाईकोर्ट में याचिका दायर की है क्योंकि कांग्रेस प्रत्याशियों को भी नामांकन पत्र दाखिल नहीं करने दिए जा रहे हैं.

उन्होंने कहा, 'बीजेपी और कांग्रेस दोनों, जो एक दूसरे के प्रतिद्वंदी हैं, नामांकन पत्र दाखिल नहीं करने दिये जाने से प्रभावित हैं. यह बहुत कम ही होता है जब दोनों बीजेपी और कांग्रेस एक ही तरफ हों. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को निर्देश दिया जाना चाहिए कि राज्य में बड़े पैमाने पर हिंसा को देखते हुये वहां अर्द्धसैनिक बल तैनात करे.

केंद्र की ओर से अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग के अनुरोध या न्यायालय के निर्देश पर ही केंद्र सरकार वहां अर्द्धसैनिक बल तैनात कर सकती है.

पश्चिम बंगाल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि बीजेपी की याचिका गलत अवधारणा पर आधारित है क्योंकि राज्य के कई जिलों में उसके प्रत्याशियों ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस से अधिक नामांकन पत्र दाखिल किये हैं.

उन्होंने कहा कि बीजेपी को पहले राज्य निर्वाचन आयोग के पास जाना चाहिए था जिसे कलकत्ता उच्च न्यायालय जाना चाहिए था. पीठ ने सभी पक्षों को सुनने के बाद कहा कि वह इस पर अपना आदेश देगी.