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प्री-मॉनसून में ही उत्तरी भारत में सामान्य से ज्यादा बारिश, अब आ रहा है मॉनसून

प्री-मॉनसून बारिश में ही नॉर्थ इंडिया में सामान्य से ज्यादा बारिश हो चुकी है.

FP Staff

मौसम विभाग के अधिकारी मॉनसून के इस बार सामान्य रहने के आसार बता रहे हैं. अभी तक जून के बीतते-बीतते देश के कुछ हिस्सों में अच्छी बारिश हो चुकी है. लेकिन अगर आंकड़े देखें तो काफी असमानताएं दिखती हैं. साथ ही अलग-अलग वजहें भी.

लेकिन सबसे पहले नजर डालते हैं अभी तक के मॉनसून के हाल पर.


- अभी तक मॉनसून 15%-18% ज्यादा रहा है लेकिन पिछले दिनों उत्तर और पूर्वी इलाकों में मॉनसून की गति थोड़ी धीमी हुई है.

- नॉर्थ इंडिया में अभी मॉनसून पहुंचा नहीं है लेकिन यहां प्री-मॉनसून रेनफॉल में पहले ही काफी अधिक मात्रा में बारिश हो चुकी है.

- गुजरात, यूपी, मध्य प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ में बारिश की मात्रा अभी माइनस से नीचे चल रही है. लेकिन अगर मौसम अधिकारियों की मानें तो अगले 48 घंटों में महाराष्ट्र के विदर्भ, छत्तीलगढ़, ओडिशा, झारखंड, बिहार और यूपी के पूर्वांचल में अच्छी बारिश की उम्मीद है.

- टाइम्स ऑफ इंडिया में मौसम अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि 26 जून के पहले तक मॉनसून का केंद्र भारत के पूर्वी और मध्य पूर्वी इलाकों पर होगा. लेकिन अभी तक मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और बिहार की बारिश अपेक्षित से 14%-26% तक कम रही है.

- 1-12 जून के बीच में दिल्ली, हरियाणा और पंजाब में क्रमश: 151%, 161% और 149% बारिश हुई है. ये सामान्य से ज्यादा है. इसकी वजह चिंता का विषय है.

इसका कारण पूछने पर भारत मौसम विज्ञान विभाग के जूनियर साइंटिस्ट अमित सिंह ने बताया, 'दिल्ली-पंजाब तक तो अभी मॉनसून पहुंचा ही नहीं है. ये अधिक बारिश की वजह के पीछे स्थानीय घटनाएं यानी कि प्रदूषण और तापमान हैं.'

इसका मतलब है कि इन राज्यों में जितनी बारिश इन 21 दिनों के भीतर हुई है, वो मॉनसून के पहले ही हो चुकी है, वो भी तापमान और प्रदूषण से.

ये चिंता का विषय इसलिए है क्योंकि अभी मॉनसून की बारिश बाकी ही है. साथ ही शहरों का तापमान और प्रदूषण तो घटने से रहा, तो ऐसे में ये घटना पर्यावरण के बुरे हालात और बदतर संभावनाओं की ओर ध्यान खींचती है.

टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली और आस-पास के इलाकों में 26 जून के बाद मॉनसूनी बारिश होगी.

सामान्य बारिश की फोरकास्टिंग के हिसाब से किसानों की भी आस बंधी है. इस बार अच्छी फसल के रहने की उम्मीद भी रहेगी. लेकिन इसके अलावा मेट्रो में बढ़ रही असामान्य बारिश की प्रवृत्ति आगे और मुश्किलें पैदा कर सकती है.