बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने सभी उम्र की महिलाओं को सबरीमला मंदिर में प्रवेश देने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करने के सीपीएम नीत एलडीएफ सरकार के फैसले का विरोध करने वाले श्रद्धालुओं को शनिवार को अपना पूर्ण समर्थन देते हुए आरोप लगाया कि वामपंथी सरकार प्रदर्शनों को ताकत के बल पर ‘दबाना’ चाहती है.
जिला बीजेपी दफ्तर का उद्घाटन करने के बाद शाह ने कहा कि प्रदेश सरकार श्रद्धालुओं के प्रदर्शन को चुनौती देने के लिए पुलिस बल का इस्तेमाल कर रही है. उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और संघ परिवार के कार्यकर्ताओं समेत प्रदेश भर में सभी वर्ग की महिलाओं के मंदिर में प्रवेश के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे 2000 से ज्यादा श्रद्धालुओं की गिरफ्तारी की भी आलोचना की.
अपने संबोधन की शुरुआत ‘स्वामी शरणम अयप्पा’ के मंत्र से करते हुए उन्होंने कहा कि अगर विरोध प्रदर्शनों को दबाया जाना जारी रहा तो मुख्यमंत्री पिनराई विजयन को ‘भारी कीमत’ चुकानी होगी. विजयन को चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि उनकी सरकार का विरोध प्रदर्शन को दबाना ‘आग से खेलने’ के तुल्य है.
उन्होंने कहा, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के क्रियान्वयन के नाम पर मुख्यमंत्री को बर्बरता बंद करनी चाहिए. शाह ने कहा, यहां तक कि प्रदेश में महिलाएं भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के क्रियान्वयन के खिलाफ हैं. बीजेपी अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि वामपंथी सरकार सबरीमला मंदिर को ‘बर्बाद’ करने की कोशिश कर रही है और उनकी पार्टी सीपीएम के नेतृत्व वाली सरकार को ‘हिंदु धर्म को दांव पर नहीं लगाने देगी.’
शाह ने कहा, किसी भी दूसरे अयप्पा मंदिर में महिलाओं के पूजा करने पर कोई पाबंदी नहीं है... सबरीमला मंदिर की विशिष्टता को बचाए रखना चाहिए. उन्होंने कहा, कम्युनिस्ट सरकार मंदिरों के खिलाफ साजिश रच रही है. उन्होंने केरल में आपातकाल जैसी स्थिति बना दी है.
वामपंथी सरकार द्वारा पूर्व के कई अदालती आदेशों को लागू न किए जाने को याद करते हुए बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि इस मामले में अदालत के आदेश का क्रियान्वयन लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखकर किया जाना चाहिए.
(इनपुट भाषा से)