view all

गैर-इस्लामिक है महिलाओं का पुरुषों को फुटबॉल खेलते देखना!

कासमी का कहना है कि महिलाएं अगर मैच देखेंगी तो उनका पूरा ध्यान पुरुषों की जांघों पर ही होगा और वो स्कोर पर भी ध्यान नहीं देंगी

FP Staff

सोमवार को यूपी के सहारनपुर में स्थित दारुल उलूम देवबंद के मुफ्ती ने एक फतवा जारी किया है. इस फतवे में कहा गया है कि महिलाओं का फुटबॉल मैच देखना इस्लाम धर्म के खिलाफ है.

दरअसल मुफ्ती अतहर कासमी ने कहा कि फुटबॉल शॉट्स पहनकर खेला जाता है. तो ऐसे में पुरुषों को नग्न घुटनों के साथ देखना महिलाओं के लिए मना है. उन्होंने कहा ये इस्लाम धर्म के खिलाफ है.


हालांकि कासमी ने उन पतियों को भी लताड़ लगाई है जो अपनी बीवियों को फुटबॉल देखने की इजाजत देते हैं.

नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक शुक्रवार को कासमी ने कहा कि 'क्या आपको शर्म नहीं आती? क्या आप ऊपरवाले से नहीं डरते हैं? आप अपनी बीवियों को ऐसी चीजें क्यों देखने देते हैं.'

कासमी का कहना है कि औरतों को पुरुषों के जांघों को देखने की जरूरत ही क्या हैं? उनका मानना है कि महिलाएं अगर मैच देखेंगी तो उनका पूरा ध्यान पुरुषों के जांघों पर ही होगा और वो स्कोर पर भी ध्यान नहीं देंगी.

एक तरफ जहां देश में इस तरह का फतवा जारी हुआ तो दूसरी तरफ इसी महीने मुस्लिम देश सऊदी अरब ने  महिलाओं को स्टेडियम में फुटबॉल मैच देखने की इजाजत दे दी है.