view all

विवेक तिवारी हत्याकांडः पत्नी कल्पना ने नई FIR की दर्ज, सामने आई खाली पन्ने पर हस्ताक्षर कराने की बात

इससे पहले तक पुलिस ने घटना के वक्त विवेक के साथ कार में मौजूद उनकी सहकर्मी सना खान के नाम से एफआईआर दर्ज की थी

FP Staff

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एपल कंपनी के एरिया सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी की हत्या के मामले में रोज नए खुलासे हो रहे हैं. अब इस मामले में एक नया मोड़ आ गया है. टाइम्स नाओ की खबर के मुताबिक अब इस मामले में मृतक विवेक की पत्नी ने नई एफआईआर दर्ज करवाई है. इससे पहले तक पुलिस ने घटना के वक्त विवेक के साथ कार में मौजूद उनकी सहकर्मी सना खान के नाम से एफआईआर दर्ज की थी. सूत्रों की मानें तो सना की एफआईआर के बाद पुलिस बहुत ही होशियारी के साथ ये साबित करने की कोशिश कर रही थी कि कॉन्स्टेबल प्रशांत चौधरी ने विवेक पर गोली चलाई ही नहीं थी.

पत्नी कल्पना ने नई एफआईआर दर्ज की


इस एफआईआर पर चल रहे बवाल के बीच ही रविवार सुबह विवेक का अंतिम संस्कार कर दिया गया. यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने विवेक की पत्नी कल्पना तिवारी से उनके घर जाकर मुलाकात की. वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कल्पना तिवारी से फोन पर बात कर हर संभव मदद करने का भरोसा दिया. इसके बाद रविवार रात को ही पुलिस ने पत्नी कल्पना की शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज की.

लखनऊ के गोमतीनगर थाने में दर्ज की गई इस एफआईआर में विवेक की पत्नी ने सना के बयान के हवाले से ही शिकायत दर्ज कराई है. एफआईआर में लिखा गया है, 'मेरे पति एपल कंपनी में कार्यरत थे, जिनकी हत्या कॉन्स्टेबल प्रशांत चौधरी द्वारा की गई है और इस घटना की जानकारी मेरे पति के साथ गाड़ी में बैठीं उनकी सहकर्मी सना द्वारा बताई गई है.'

क्या लिखा है एफआईआर में-

इस मामले में सना द्वारा दर्ज एफआईआर में लिखा है, 'आज रात में हम और हमारे सहकर्मी ASM साहब रात में लगभग डेढ़ बजे जब घर वापस आ रहे थे, तो अचानक कॉन्स्टेबल प्रशांत चौधरी व संदीप कुमार, कार के सामने आ गए. ASM साहब डर की वजह से और महिला साथ होने के कारण गाड़ी आगे बढ़ाकर चलने की कोशिश करने लगे, उसी समय मोटर साइकिल से एक सिपाही उतरा, जो पीछे बैठा हुआ था और उसके पास एक डंडा था तथा आगे बैठे हुए प्रशांत चौधरी ने शीशे से अपनी पिस्टल सटाकर जान से मारने के उद्देश्य से गोली चलाई, जिससे उनकी मौत हो गई.'

विवेक की पत्नी ने सना के बयान के आधार पर अपनी एफआईआर में आगे लिखा है- 'ठुड्डी में गोली लगी और आधा किलोमीटर बाद गाड़ी सब वे के खंभे से जाकर टकरा गई. इस बीच वहां जो पुलिसवाले आए, उन्होंने न किसी को फोन करने दिया और न ही किसी का फोन उठाने दिया और जबरदस्ती सादे कागज पर मुझसे हस्ताक्षर करवा लिए और बाद में पुलिस के उच्चाधिकारियों के दबाव में मुझसे जबरदस्ती बोल-बोलकर उसी पन्ने पर लिखवाया भी गया. हालांकि मैं उस वक्त डरी हुई थी, इसलिए जो उन्होंने कहा लिखती चली गई.' फिलहाल, इस मामले में एसआईटी जांच के आदेश दे दिए गए हैं. मुख्यमंत्री योगी ने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई का आश्वासन भी दिया है.