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विवेक तिवारी हत्याकांडः हुआ अंतिम संस्कार, मौत पर शुरू हुई राजनीति, पत्नी ने रखी नई मांग

लखनऊ के डीएम ने कहा परिवार द्वारा लिखित में दी गई सारी मांगों को मंजूरी दे दी गई है, अगर वे सीबीआई जांच चाहते हैं, तो इसे भी शुरू किया जाएगा

FP Staff

पुलिस कॉन्स्टेबल की गोली से बीते शुक्रवार को मारे गए एपल के एरिया मैनेजर विवेक तिवारी का अंतिम संस्कार रविवार यानी आज हो सकता है. न्याय की मांग कर रहे परिवार को उनकी मांगें पूरी किए जाने का आश्वासन देने के बाद परिवार वालों ने विवेक का अंतिम संस्कार कर दिया है. हालांकि, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक परिवार सीएम योगी आदित्यनाथ से बात करने की मांग अभी किए जा रहा है. आपको बता दें कि बीते शुक्रवार देर रात ऑफिस से घर लौटते समय विवेक तिवारी को एक पुलिस कॉन्स्टेबल ने गोली मार दी थी. उसके बाद उनकी गाड़ी का एक्सिडेंट हो गया और बाद में अस्पताल में उनकी मौत हो गई.

सरकार ने मान ली पत्नी की मांगे


वहीं विवेक तिवारी हत्याकांड के बाद उनकी पत्नी की मांगों को सरकार ने मान लिया है. लखनऊ के डीएम ने कहा कि- 'परिवार द्वारा लिखित में दी गई सारी मांगों को मंजूरी दे दी गई है. अगर वे सीबीआई जांच चाहते हैं, तो इसे भी शुरू किया जाएगा. मृतक की पत्नी को नौकरी और मुआवजे के रूप में 25 लाख रुपए दिए जाएंगे. इसके साथ ही जांच 30 दिनों के भीतर पूरी की जाएगी.'

पत्नी ने कहा एक्सीडेंट नहीं मर्डर है 

मृतक विवेक की पत्नी ने बताया कि उनकी ओर से 1 करोड़ रुपए के मुआवजे की मांग की जगह 25 लाख रुपए मुआवजा दिया गया और बताया गया कि ऐक्सिडेंटल डेथ में इससे अधिक मुआवजा नहीं दिया जा सकता. कल्पना ने कहा कि यह ऐक्सिडेंट नहीं, मर्डर है. हालांकि, इस बीच प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस की ओर से बनाए जा रहे दबाव की बात का खंडन करते हुए उन्होंने कहा कि अधिकारी जितना कर सकते हैं, कर रहे हैं. उन्हें अधिकारियों से कोई शिकायत नहीं है. उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने उनकी मदद की है और उनके समझाने पर ही परिवार अंतिम संस्कार को राजी हुआ है. उनके परिवार में दो बेटियां, बूढ़ी सास, दिव्यांग बड़े भाई और उनका परिवार है. इन सबकी जिम्मेदारी विवेक पर थी जो घर के अकेले कमाने वाले सदस्य थे. उन्हें अपनी बेटियों की भविष्य बनाना है, उनका तो खत्म हो गया.

मौत पर शुरू हुई राजनीति

इसी बीच विवेक तिवारी की मौत को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है. यह एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया है. अखिलेश यादव से लेकर अरविंद केजरीवाल तक सब इस पर अपनी अपनी राय रख रहे हैं और यूपी में बीजेपी सरकार को घेरते नजर आ रहे हैं. विवेक तिवारी की मौत पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि इस तरह की घटना के बारे में सोचा नहीं जा सकता है. यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन यूपी में बीजेपी सरकार से और अपेक्षा भी क्या की जा सकती है. सरकार के अंदर ही अनगिनत फर्जी एनकाउंटर हो रहे हैं.

वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि विवेक तिवारी तो हिंदू था? फिर उसको इन्होंने क्यों मारा? बीजेपी के नेता पूरे देश में हिंदू लड़कियों का रेप करते घूमते हैं? अपनी आँखों से पर्दा हटाइए. बीजेपी हिंदुओं की हितैषी नहीं है. सत्ता पाने के लिए अगर इन्हें सारे हिंदुओं का कत्ल करना पड़े तो ये दो मिनट नहीं सोचेंगे.

वहीं यूपी के मंत्री ब्रजेश पाठक और आशुतोष टंडन ने लखनऊ में मृतक विवेक तिवारी के परिवार से मुलाकात की और उन्हें आश्वासन दिया कि दोषी को कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी. आपको बता दें कि मृतक विवेक की पत्नी कल्पना को नगर निगम में नौकरी दिए जाने की प्रक्रिया भी 30 दिन के अंदर ही शुरू हो जाएगी.

परिवार ने किया अंतिम संस्कार 

कल्पना शर्मा ने बताया कि परिवार को 10 लाख से बढ़ाकर 25 लाख रुपए मुआवजा देने की बात तय हुई है. इसके बाद विवेक का अंतिम संस्कार हो गया है. आपको बता दें कि पहले इस घटना से आक्रोशित मृतक का परिवार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिले बिना अंतिम संस्कार नहीं करने की बात कह रहा था. गौरतलब है कि मामले में आरोपी कॉन्स्टेबल का कहना है कि उन्होंने गोली आत्मरक्षा में चलाई थी जबकि घटना के वक्त विवेक के साथ गाड़ी में मौजूद प्रत्यक्षदर्शी सना का कहना है कि जानबूझकर गोली चलाई गई थी, विवेक की कोई गलती नहीं थी.