सीमा विवाद को लेकर असम पुलिस और मिजोरम के प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़प के बाद अब दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने आपस में बातचीत की है. उनके बीच टेलीफोन के जरिए यह बातचीत हुई है. गृह मंत्रालय ने इन घटनाओं पर उनसे रिपोर्ट मांगी है.
अधिकारियों ने बताया कि शीर्ष मिजो छात्र निकाय मिजो जिरलाई पॉल के कार्यकर्ता शाम तक झड़प वाली जगह से हट गए थे. मिजोरम के छात्र संगठनों ने मांग की थी कि असम के पुलिसकर्मी रविवार तक विवादित स्थल से हटें.
क्या है मिजोरम पुलिस का आरोप
मिजोरम पुलिस ने आरोप लगाया कि जोपुई में मिजोरम का एक छात्र असम पुलिस की गोली से घायल हो गया था. उसका आरोप है कि असम पुलिस ने यह गोलीबारी छात्रों के एक समूह पर की थी. असम पुलिस ने इन आरोपों का खंडन किया है और दावा किया कि प्रदर्शनकारियों को केवल वापस भेजा गया जिन्होंने राज्य में जबरन घुसने की कोशिश की थी.
8 मार्च को मिजोरम के प्रदर्शनकारियों ने असम के हैलाकांडी जिले में घुसने की कोशिश की थी जिसपर असम पुलिस ने उन्हें रोक दिया था.
हैलाकांडी प्रशासन ने दूसरे तरफ से लोगों के घुस आने की आशंका से कुछ क्षेत्रों में धारा 144 के तहत शनिवार को निषेधाज्ञा लगा दी थी.
सीमा पर तनाव बढ़ने के बीच मिजोरम के मुख्यमंत्री ललथन हवला और असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने टेलीफोन पर आपस में बातचीत की. मिजोरम सरकार के जारी बयान के अनुसार सोनोवाल ने सुझाव दिया कि दोनों पक्ष विवादित जगह से हट जाएं.
मिजोरम के मुख्य सचिव अरविंद राय ने भी असम के मुख्य सचिव से संपर्क किया. जिसके बाद दोनों पक्ष सीमा विवाद पर बातचीत के लिए सहमत हुए.
गृह मंत्रालय ने विवाद पर क्या कहा
दिल्ली में गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि केंद्र ने असम और मिजोरम की सरकारों से अपनी सीमा पर शांति बनाए रखने और जरूरी पड़ने पर निषेधाज्ञा लगाने और सुरक्षाबल तैनात करने को कहा है.
गृह मंत्रालय ने दोनों राज्यों से घटनाओं पर रिपोर्ट भी मांगी है. साथ ही उनसे जवाब मांगा है कि उन्होंने स्थिति सामान्य बनाने के लिए क्या-क्या कदम उठाए हैं.
असम और मिजोरम के बीच लंबे समय से सीमा विवाद है. हैलाकांडी-कोलासिब क्षेत्र में पहले भी कई बार तनाव पैदा हो चुका है.