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गोरखालैंड आंदोलन: खूबसूरत दार्जिलिंग 'धधक' रहा है, कुछ करिए ममता बनर्जी

हिंसा और तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए पूरे दार्जिलिंग में सुरक्षाबलों की भारी तैनाती की गई है

Manish Kumar

अलग गोरखालैंड की मांग को लेकर बुधवार को लगातार दसवें दिन भी दार्जिलिंग बंद है. गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के बुलाए अनिश्चितकालीन बंद की वजह से आम लोगों को काफी परेशानी हो रही है. राेजमर्रा के सामानाें की कीमतें अासमान छू रही हैं.

गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के प्रदर्शनकारियों ने शहर में जगह-जगह अलग राज्य गोरखालैंड के समर्थन वाले पोस्टर लगा दिए हैं.

बंद और हड़ताल के कारण सड़कें सूनी पड़ी हैं. दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान पूरी तरह से बंद हैं. स्कूल, कॉलेज समेत सभी शैक्षणिक संस्थान भी बंद है. सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों की मौजूदगी नहीं के बराबर है.

अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर 8 जून से यहां हिंसा भड़क उठी है

दार्जिलिंग के नामी और 128 साल पुराने संत जोसफ स्कूल के 528 बोर्डिंग छात्र बंद की वजह से स्कूल के कैंपस में ही रहने को मजबूर हैं. हालांकि बंद के माहौल में छात्र खुद को स्कूल में रहने पर सुरक्षित महसूस कर रहे हैं.

स्कूल के छात्रों ने बताया कि पहले उन्हें एक दिन में एक परीक्षा देनी पड़ती थी लेकिन बंद के चलते अब एक दिन में दो परीक्षाएं देनी पड़ रही हैं.

बंद और हंगामे को देखते हुए शहर में इंटरनेट सेवाएं बाधित कर दी गई हैं.

पर्यटन स्थल होने की वजह से काफी संख्या में सैलानी दार्जिलिंग और आसपास के क्षेत्र में घूमने-फिरने आते हैं. वो सब भी बंद की वजह से यहां पिछले कई दिनों से फंसे पड़े हैं. रोजी-रोटी कमाने आए प्रवासी मजदूरों के लिए भी यहां से वापस लौट पाना काफी मुश्किल हो रहा है.

कैलिंपोंग के जरिए सिक्किम को सिलीगुड़ी से जोड़ने वाला नेशनल हाईवे 10 भी असुरक्षित हो गया है. यहां जीजेएम की महिला शाखा के कार्यकर्ता तैनात हैं जो काफी हिंसक हो गई हैं.

मंगलवार को सिक्किम जाने वाले सामान से लदे एक ट्रक को सीवोके रोड पर आग के हवाले कर दिया गया था. हादसे में बुरी तरह से घायल ट्रक ड्राइवर का अस्पताल में इलाज चल रहा है.

पश्चिम बंगाल सरकार दार्जिलिंग में जारी गोरखा आंदोलन के ताजा हालात से केंद्र को अवगत कराने से बचने की कोशिश कर रही है. राज्य सरकार की ओर से अभी तक 13 जून तक के हालात की रिपोर्ट केंद्र को मिली है. इसके बाद की स्थिति के बारे में केंद्र के पास आधिकारिक जानकारी नहीं है.

गोरखालैंड आंदोलन के दौरान गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले छोड़ती हुई पुलिस (फोटो: पीटीआई)

ममता बनर्जी की सरकार दार्जिलिंग में हिंसक प्रदर्शनों के लिए गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के साथ-साथ बीजेपी को भी इसके पीछे जिम्मेदार ठहराने की कोशिश कर रही है. केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने ममता बनर्जी ,से इस बारे में बातचीत और गोरखा नेताओं से शांति की अपील की है.

हिंसा और तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए पूरे दार्जिलिंग में सुरक्षाबलों की भारी तैनाती की गई है.

यह सारा बवाल पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के एक फरमान के बाद शुरू हुआ. ममता ने राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में बंगाली भाषा अनिवार्य रूप से पढ़ाने का आदेश जारी किया. इसका दार्जिलिंग के लोगों ने विरोध किया. उन्हें मंजूर नहीं था कि उनके बच्चे बंगाली भाषा अनिवार्य रूप से पढ़ें.

इस आदेश के बाद बरसों से दबा हुआ गोरखा आंदोलन एक बार फिर से शुरू हो गया.