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बंदरों के आतंक से परेशान है वेंकैया नायडू, संसद में पूछा समाधान

वेंकैया नायडू ने कहा 'उपराष्ट्रपति भवन में भी बंदरों का खतरा है. समाधान बताएं

FP Staff

दिल्ली में बंदरों के आतंक से खुद उपराष्ट्रति भी परेशान हैं. उपराष्ट्रपति आवास में बंदरों के उत्पात को लेकर वेंकैया नायडू ने चिंता जाहिर की है. उन्होंने बंदरों के उत्पात से बचने का उपाय भी पूछा है.

दरअसल, राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान भारतीय राष्ट्रीय लोकदल के सदस्य राम कुमार कश्यप ने बंदरों से पैदा हुए खतरे का मुद्दा उठाया. इस पर सभापति वेंकैया नायडू ने कहा 'उपराष्ट्रपति भवन में भी बंदरों का खतरा है. समाधान बताएं.'


दिल्ली के कई इलाकों में है बंदरों का खतरा

वहीं, इनेलो सदस्य ने बंदरों की हरकत को गंभीरता से उठाते हुए कहा कि 'राजधानी दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में बंदरों का खतरा है. बंदर न सिर्फ आम लोगों को हमला पर हमला करते हैं, बल्कि नए पौधों को भी नोंच कर बर्बाद कर देते हैं. इतना ही नहीं, बंदर बाहर सूख रहे कपड़ों को भी उठा कर ले जाते हैं.'

उन्होंने कहा कि एक संसद सदस्य को एक समिति की बैठक में जाने के लिए महज इसलिए देर हुई, क्योंकि बंदरों ने उन पर हमला कर दिया था. उनके बेटे पर भी बंदरों ने हमला किया था.

इस पर राज्यसभा के सभापति नायडू ने कहा कि उपराष्ट्रपति का आधिकारिक निवास भी इस समस्या से अछूता नहीं रहा है. वहां भी बंदरों का खतरा है. इस समस्या का कोई समाधान हो तो बताएं

मेनका गांधी का जिक्र करते ही मुस्कुरा उठे सदस्य

नायडू ने हल्के-फुल्के अंदाज में पशु अधिकार कार्यकर्ता और केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी का जिक्र करते हुए कहा 'मेनका गांधी यहां नहीं हैं.' इस पर सदन में मौजूद सदस्य मुस्कुरा उठे. नायडू ने संसदीय कार्य राज्यमंत्री विजय गोयल से कहा, 'दिल्ली में बंदरों के खतरे को लेकर कोई समाधान तो निकालना ही होगा.'

(भाषा से इनपुट)