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अयोध्या में VHP की धर्म सभा: साधू के भेष में हमला कर सकते हैं आतंकवादी, ड्रोन से रखी जाएगी नजर

खुफिया ब्यूरो (आईबी) से मिले इस इनपुट के बाद उत्तर पुलिस ने अयोध्या शहर की सुरक्षा बढ़ा दी है. शहर को छावनी में तब्दील कर दिया गया है. हर तरफ कड़ा पहरा लगा दिया गया है

FP Staff

अयोध्या में रविवार को होने वाली विश्व हिंदु परिषद की धर्म सभा में आतंकवादी हमले की आशंका जताई जा रही है. बताया जा रहा है कि आंतकवादी साधू के भेष में धर्म सभा में घुसकर हमला कर सकते हैं. खुफिया ब्यूरो (आईबी) से मिले इस इनपुट के बाद उत्तर पुलिस ने अयोध्या शहर की सुरक्षा बढ़ा दी है. शहर को छावनी में तब्दील कर दिया गया है. हर तरफ कड़ा पहरा लगा दिया गया है.

ड्रोन के जरिए रखी जाएगी निरगानी


आईबी की खुफिया इनपुट के बाद अयोध्या में से 1 एडीजी पुलिस, 1डीआईजी, 3 एसएसपी, 10 एएसपी, 21 डीएसपी, 160 इंस्पेक्टर, 700 कांस्टेबल, 42 कंपनी पीएसपी, 5 कंपनी आरएएफ, एटीएस कमांडो की तैनाती की गई है. इसके अलावा, आसमान से ड्रोन कैमरे के जरिए भी निगरानी की जा रही है.

न्यूज 18 की रिपोर्ट के मुताबिक कानून व्‍यवस्‍था को बनाए रखने के लिए बड़ी संख्‍या में घुड़सवार पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं. अयोध्‍या में धारा 144 लगाई जा चुकी है. इसके साथ ही स्‍कूल-कॉलेज बंद रहेंगे. शहर की करीब 50 स्‍कूलों में सुरक्षाबलों के कैंप लगाए गए हैं.

2 लाख लोग हो सकते हैं शामिल

अनुमान लगाया जा रहा है कि वीएचपी के आह्वान पर इस 'धर्म सभा' में शामिल होने 2 लाख रामभक्त अयोध्या पहुंचेंगे. वीएचपी ने पहले ही साफ कर दिया है कि राम मंदिर निर्माण को लेकर ये उनकी आखिरी धर्म सभा है. आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी वीएचपी की धर्म सभा को अपना समर्थन देने की बात कर चुके हैं. आरएसएस सूत्रों का कहना है कि संघ के कई प्रांत प्रचारकों को इस कार्यक्रम को सफल बनाने का जिम्मा दिया गया है.

अयोध्या के बड़ा भक्तमाल की बगिया में 'वीएचपी के धर्म सभा' कार्यक्रम सुबह करीब 11 बजे शुरू होकर शाम 4 बजे तक चलेगी. इस 'धर्म सभा' में आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद समेत अन्य संगठनों से जुड़े करीब 50 से 60 लोगों का संबोधन होगा.

शिवपाल सिंह यादव ने क्या कहा?

वहीं अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने कहा है कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है. या तो हमे सुप्रीम कोर्ट के आदेश का इंतजार करना चाहिए या फिर आम सहमति से इस पर फैसला लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार के पास काफी सारी जमीन है. राम मंदिर का निर्माण सरयू नदी के पास किया जा सकता है. विवादित जमीन पर राम मंदिर के निर्माण की कोई बात नहीं होनी चाहिए.