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वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैयर का 94 वर्ष की उम्र में निधन

आज दोपहर 1 बजे दिल्ली के लोधी रोड में होगा अंतिम संस्कार

FP Staff

देश के वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैयर का निधन हो गया. बीती रात करीब साढ़े 12 बजे दिल्ली के एक अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली. वो बीते तीन दिनों से आईसीयू में भर्ती थे. कुलदीप 94 वर्ष के थे. ऐसे में उम्र के इस पड़ाव पर उनकी सेहत आए दिन खराब रहती थी. आज दोपहर 1 बजे दिल्ली के लोधी रोड में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कुलदीप नैयर की मृत्यु पर दुख जाहिर करते हुए ट्वीट किया है. उन्होंने कहा कि कुलदीप हमारे समय के बहुत हीं बड़े बुद्दीजीवि थे. अपने विचारों को लेकर दृढ़ और बेबाक रहने वाले कुलदीप कई दशकों तक पत्रकारीता के क्षेत्र में बने रहे. इमरजेंसी के विरूद्द डटे रहे. देश के प्रति उनका यह योगदान हमेशा याद किया जाएगा.

भारतीय पत्रकारीता की दुनिया में मशहूर कुलदीप नैयर का जन्म 14 अगस्त, 1923 को सियालकोट (अब का पाकिस्तान) में हुआ था. उन्होंने यूएस से पत्रकारिता की डिग्री ली थी. कई वर्षों तक भारत सरकार के प्रेस सूचना अधिकारी रहने वाले कुलदीप ने बाद में पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखा. वो यूएनआई, पीआईबी, स्टेट्समैन, इंडियन एक्सप्रेस के साथ लंबे समय तक जुड़े रहे और करीब 25 वर्षों तक 'द टाइम्स' लंदन के संवाददाता भी रहे. कुलदीप नैयर पत्राकारिता जगत में कई दशकों तक सक्रिय रहे. उन्होंने इमरजेंसी से लेकर देश में हुई अन्य प्रमुख घटनाओं पर कई किताबें लिखी हैं.

बता दें कि इमरजेंसी काल के दौरान जब पत्रकारों को मीसा के अंतर्गत जेल में डाला जा रहा था तो उन पत्रकारों में से एक कुलदीप नैयर भी थे. कुलदीप ने जेल में बिताए अपने इस समय को किताब की शक्ल दी थी जिसका नाम 'इन जेल' था. इस वक्त वह इंडियन एक्सप्रेस से जुड़े हुए थे.

पत्रकारीता के क्षेत्र में कुलदीप के योगदान को कोई नहीं भुला सकता. यह बात दिलचस्प है कि उनके जीवित रहते हुए उनके नाम से पत्रकारों को 'कुलदीप नैयर पत्रकारिता अवार्ड' दिया जाता रहा है.

लंबे समय तक पत्रकारिता से जुड़े रहने के बाद कुलदीप 1997 में राज्यसभा के मनोनीत सदस्य के रूप में निर्वाचित हुए.वह 1996 में संयुक्त राष्ट्र के लिए भारत के प्रतिनिधिमंडल के सदस्य भी रह चुके थे.