आधार की वैधता को लेकर करीब 4 महीने तक चली सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस पर अपना फैसला रिजर्व कर लिया है. आधार मामले की सुनवाई जनवरी में शुरू की हुई थी और तकरीबन 38 दिनों तक वह इस पर बहस करता रहा. याचिकाकर्ताओं की दलील थी कि सरकार 12 अंकों वाले आधार को अनिवार्य नहीं कर सकती है. उनकी यह भी दलील थी कि आम लोगों के जीवन पर आधार कानून का काफी असर है. यह देश का दूसरा सबसे बड़ा केस है, जिसमें इतनी लंबी सुनवाई चली है.
इससे पहले 1970 में केश्वानंद भारती के केस में तकरीबन 5 महीने तक सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चली थी. सरकार ने अपने एक फैसले के तहत आधार को हर सरकारी स्कीम के लिए अनिवार्य कर दिया था.