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बनारस में मंदिर तोड़ने वाले की चिता नहीं जलाएगा डोम समाज

डोम समाज का कहना है कि मंदिरों को तोड़ने और उसका स्थान बदलने की कोशिश करने वालों को काशी के मणिकर्णिका घाट पर चिता के लिए अग्नि देना संभव नहीं है

Bhasha

वाराणसी में श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर कॉरीडोर निर्माण के लिए मंदिरों को तोड़े जाने के विरोध में चल रहे आंदोलन को डोम समाज ने समर्थन किया है. काशी डोमराज के पौत्र विश्वनाथ चौधरी ने मंदिरों को तोड़ने या उनका स्थान बदलने वालों की चिता को जलाने के लिए आग नहीं दिए जाने की घोषणा की है.

प्रदेश सरकार की ओर से श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर क्षेत्र का विस्तार करने की योजना के तहत श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर से लेकर ललिता घाट तक जाने वाले 700 मीटर के रास्ते के चौड़ीकरण का काम होना है. इस चौड़ीकरण के लिए इस रास्ते में पड़ने वाले लगभग 300 मकानों के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जानी है. इन मकानों में कई मंदिर भी हैं, जिनको तोड़ा या स्थानांतरित किया जाना है.


इन मंदिरों के अस्तित्व को बचाने के लिए शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने ‘मंदिर बचाओ’ आंदोलन की शुरुआत की है. इसी के तहत डोम समाज के वरिष्ठ बरिया चौधरी की मौजूदगी में काशी डोमराज के पौत्र विश्वनाथ चौधरी ने कहा कि मंदिर आस्था के केंद्र हैं. उन्होंने कहा कि मंदिरों को तोड़ने और उसका स्थान बदलने की कोशिश करने वालों को काशी के मणिकर्णिका घाट पर चिता के लिए अग्नि देना संभव नहीं है.