view all

फिल्मों की शूटिंग के लिए फेवरेट डेस्टिनेशन बन रहा उत्तराखंड, बढ़ेंगे रोजगार के अवसर

न केवल हिंदी और साउथ की फिल्में, बल्कि विदेशी फिल्ममेकर्स में भी उत्तराखंड को लेकर चाव देखा जा सकता है

Namita Singh

उत्तराखंड के परिवेश पर आधारित और टिहरी गढ़वाल के टिहरी शहर के युवाओं की कहानी 'बत्ती गुल, मीटर चालू' के ट्रेलर के 10 अगस्त को रिलीज़ होने के साथ ही, यह पहाड़ी राज्य बड़े रुपहले परदे पर अपनी चमक बिखेरने के लिए तैयार है.

साथ ही साथ यह महज़ संयोग है कि इसी दिन, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र रावत ने फिल्म शूटिंग में ज़्यादा आर्थिक निवेश को आकर्षित करने के लिए भीमताल में 'मिनी कॉन्क्लेव' का उद्घाटन किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक सौंदर्य और अनेकों-अनेक खूबसूरत नज़ारों से भरपूर यह राज्य, फिल्मों की शूटिंग और पर्यटन में असीम संभावनाओं का केंद्र बन सकता है.


यहां शूट हुई फिल्मों की लंबी फेहरिस्त है

अपनी नैसर्गिक सुंदरता, पहाड़, नदियों के उद्गम और अनेकों धार्मिक केंद्रों का यह प्रदेश हमेशा से क्षेत्रीय फिल्मों के अतिरिक्त, बॉलीवुड और साउथ के बड़े फिल्म निर्माताओं और निर्देशकों की पसंद रहा है. 'कटी पतंग' और 'मधुमती' से लेकर 'स्टूडेंट ऑफ़ दी ईयर', उत्तराखंड में फिल्माई गई कई बॉलीवुड फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर अपनी धमक दर्ज़ की हैं. इन फिल्मों की एक लंबी फेहरिस्त है.

निर्माता, निर्देशक करण जौहर के निर्देशन में 2012 में बनी, वरुण धवन और आलिया भट्ट अभिनीत 'स्टूडेंट ऑफ़ द इयर' देहरादून के प्रसिद्ध फॉरेस्ट रिसर्च ऑफ़ इंडिया, कसिगा स्कूल और विश्वप्रसिद्ध वेल्हम बॉयज में फिल्माई गई. अभिनेता ह्रितिक रोशन की 'लक्ष्य' की कहानी भी इंडियन मिलिट्री अकादमी देहरादून और मसूरी के इर्दगिर्द ही बुनी गई थी. तिग्मांशु धुलिया की 'पान सिंह तोमर' का बड़ा हिस्सा भी रुड़की और देहरादून में ही शूट किया गया. अभिषेक बच्चन और रानी मुख़र्जी की बहुचर्चित 'बंटी और बबली' के कई दृश्यों की शूटिंग भी ऋषिकेश में ही हुई. 'कोई मिल गया', 'विवाह', और अभी हाल ही में आईं 'दम लगा के हईशा' और 'शुभ, मंगल, सावधान' की शूटिंग भी हरिद्वार और ऋषिकेश में ही की गई.

उत्तराखंड को मोस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेचट का अवॉर्ड मिला है

फिल्म नीतियों में संशोधन

उत्तराखंड फिल्म पॉलिसी 2015 के तहत, क्षेत्रीय भाषाओं की शूटिंग का प्रति माह शुल्क 15,000 रूपए था और अन्य भाषाओं के लिए यह शुल्क 10,000 रुपए था. फिल्म नीतियों में संशोधन करते हुए और राज्य में और ज्यादा फिल्म्स की शूटिंग और लोकल स्तर पर इकॉनमी को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कुछ समय पहले, शूटिंग को आसान बनाने के लिए सिंगल विंडो क्लियरेंस और प्रदेश में शूटिंग को निशुल्क कर दिया. जंगल और रिज़र्व एरिया में फिल्म प्रोडूसर को सरकार और वन विभाग की अलग से आज्ञा लेनी पड़ती थी.

कुमाऊंनी और गढ़वाली परिवेश में रचे गए कहानी के प्लॉट पर मूवी बनाने की इच्छा कई प्रोडूसर और डायरेक्टर्स ने जताई तो अगस्त 2017 में उत्तराखंड सरकार ने उत्तराखंड फिल्म विकास कॉउन्सिल का गठन किया जिसमें तिग्मांशु धुलिया और अभिनेता हेमंत पांडेय जो मूलतः उत्तराखंड से हैं, उन्हें उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया.

ये नीति काफी हद तक काम भी आई है. अभी हाल में बनी और रिलीज़ को तैयार 'बत्ती गुल, मीटर चालू' जो टिहरी और ऋषिकेश के गढ़वाली युवाओं की कहानी है जिनका रोल शाहिद कपूर और श्रद्धा कपूर ने किया है. अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत और सारा अली खान को लेकर बनाई गई फिल्म 'केदारनाथ' 2013 में आई केदारनाथ आपदा के गिर्द बनी प्रेम कहानी है जिसमें सुशांत ने लोकल पहाड़ी पोर्टर का किरदार निभाया है. फिल्म 'स्टूडेंट ऑफ़ दी इयर 2' में टाइगर श्रॉफ एक गढ़वाली लड़के का किरदार निभा रहे हैं.

मोस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट का अवॉर्ड

अप्रैल महीने में उत्तराखंड को नेशनल फिल्म्स अवॉर्ड में मोस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट का अवार्ड भी मिला. जिससे साबित होता है कि उत्तराखंड न सिर्फ खूबसूरती के लिहाज़ से, बल्कि और भी कई बिंदुओं पर फिल्म और शूटिंग को बढ़ावा दे सकता है. जून 2018 में एफटीआई, पुणे और उत्तराखंड फिल्म विकास परिषद के संयुक्त तत्वाधान में एक कार्यशाला आयोजित की गई जिसमें युवाओं को फिल्म विधा से जुड़ी बारीकियों की जानकारी दी गई. इन कार्यशालाओं में एक्टिंग, डिजिटल छायांकन, डिजिटल फिल्म प्रोडक्शन, स्टिल फोटोग्राफी और फिल्ममेकिंग कोर्स कराए जाएंगे जिससे, शूटिंग के लिए आने वाले निर्माताओं को दक्ष मैनपावर भी उपलब्ध हो सकेगा. उत्तराखंड में सिनेमा को भी रोजगार के विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है.

पिछले कुछ सालों में उत्तराखंड ने फिल्मों की शूटिंग को आकर्षित किया है

न केवल हिंदी और साउथ की फिल्में, बल्कि विदेशी फिल्ममेकर्स में भी उत्तराखंड को लेकर चाव देखा जा सकता है. अभी हाल में, सर्बियन फिल्म डायरेक्टर गोरान पास्कलजेविक ने उत्तराखंड पर 'लैंड ऑफ़ द गॉड' फिल्म बनाई है और जल्दी ही 'फूलों की घाटी' पर एक फिल्म का काम शुरू करने जा रहे हैं.

फिल्मों की शूटिंग, प्रदेश में लोकल युवाओं को रोजगार देने की दिशा में भी एक कदम है. साउथ फिल्मों के बड़े स्टार रजनीकांत और 'बाहुबली' के निर्देशक राजामौली का प्रदेश में फिल्मों की शूटिंग के लिए आना, पर्यटन की दिशा में भी एक शुभ संकेत है.

(लेखिका स्वतंत्र पत्रकार हैं)