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पुलिसवालों की शिफ्ट 8 घंटे से ज्यादा ना हो: उत्तराखंड हाई कोर्ट

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पुलिस वालों के मुश्किल ड्यूटी करने पर 45 दिनों की सैलरी और पूरे करियर में कम से कम तीन प्रमोशन देने को कहा है

Bhasha

पुलिसकर्मियों पर काम का बोझ कितना ज्यादा है यह बात किसी से छिपी नहीं है. पुलिस की इसी समस्या को समझते हुए उत्तराखंड हाई कोर्ट ने कहा कि सामान्य स्थिति में पुलिसकर्मी को एक शिफ्ट में 8 घंटे से ज्यादा काम नहीं कराना चाहिए. कोर्ट ने यह भी कहा कि ओवरटाइम करने वालों को ज्यादा सैलरी देनी चाहिए.

पुलिसकर्मियों की सेवा शर्तों में सुधार की प्रार्थना वाली एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति राजीव शर्मा और न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की बेंच ने राज्य सरकार से यह तय करने को कहा कि पुलिसकर्मी एक बार में लगातार आठ घंटे से ज्यादा काम न करें. और मुश्किल ड्यूटी करने पर उन्हें कम से कम पैंतालीस दिन की अतिरिक्त सैलरी मिले. जनहित याचिका हरिद्वार के अरुण भदौरिया ने दाखिल की है.


अदालत ने आदेश दिया कि पुलिसकर्मियों के लिए एक आवासीय योजना होनी चाहिए और अपने करियर में उन्हें कम से कम तीन बार प्रमोशन मिलना चाहिए. अदालत ने पुलिस अफसर को कर्मियों को छुट्टी देने में नरम रुख अपनाने और उनके घायल होने या मरने की स्थिति में परिवारों को उचित मुआवजा देने का भी निर्देश दिया.

मनोचिकित्सक की भी जरूरत

हाईकोर्ट ने कहा कि पुलिस बल के लिए विशेष रूप से चिकित्सक और मनोचिकित्सकों की भर्ती की जानी चाहिए और पुलिसकर्मियों की फिटनेस का आकलन करने के लिए हर तीन माह पर उनकी चिकित्सकीय जांच की जानी चाहिए.

अदालत ने पुलिसकर्मियों की भर्ती के लिए विशेष भर्ती बोर्ड बनाने और पुलिस थानों तथा पुलिस आवासीय कालोनियों में उनके लिए जिम तथा स्वीमिंग पूल जैसी मनोरंजन की गतिविधियां संचालित करने को भी कहा.

आदेश में यातायात पुलिस को मास्क देने और गर्मियों में ड्यूटी करते वक्त उन्हें पर्याप्त ब्रेक देने के साथ ही थानों में तैनात अधिकारियों की रोटेशन के आधार पर ड्यूटी लगाने को कहा गया है .