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ताजमहल के लिए तैयार किए गए विजन डॉक्यूमेंट को सार्वजनिक करे यूपी सरकार: SC

जस्टिस मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, ‘इस बारे में कुछ भी गोपनीय नहीं है

Bhasha

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश सरकार से कहा कि दिल्ली स्थित योजना और वास्तुकला विद्यालय की तरफ से तैयार किए जा रहे विजन डॉक्यूमेंट को सबके सामने किया जाना चाहिए. जस्टिस मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, ‘इस बारे में कुछ भी गोपनीय नहीं है.’

विद्यालय ने कोर्ट को बताया कि वह उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में ताजमहल की सुरक्षा के लिए एक विजन डॉक्यूमेंट तैयार करने की प्रक्रिया में है. उसने कहा कि यह कुछ दिन में पूरा कर लिया जाएगा. उसने पीठ से कहा कि यह दस्तावेज राज्य सरकार को सौंप दिया जाएगा.


केन्द्र की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ए एन एस नाडकर्णी ने पीठ से कहा कि ताजमहल के लिए धरोहर योजना के पहले फॉमेट को आठ हफ्तों के अंदर अंतिम रूप दिया जाएगा. यह फॉरमेट यूनेस्को को सौंपा जाना है.

15 नवंबर तक बढ़ाया था कोर्ट ने समय

सुप्रीम कोर्ट ने 25 सितंबर को अपने आदेश में उत्तर प्रदेश सरकार के लिए ताजमहल  के संरक्षण के लिए विजन डॉक्यूमेंट पेश करने की अवधि 15 नवंबर तक बढ़ा दी थी. कोर्ट ने इसके आस-पास के एक हिस्से को ‘धरोहर’ घोषित करने पर भी विचार करने के लिए कहा था.

वहीं राज्य सरकार ने कोर्ट से कहा कि पूरे शहर को धरोहर घोषित करना मुश्किल होगा लेकिन ताजमहल, फतेहपुर सीकरी और आगरा किला स्थलों को शामिल करते हुए कुछ हिस्से को इसके दायरे में लाया जा सकता है.दरअसल कोर्ट विश्व प्रसिद्ध ताजमहल को वायु प्रदूषण से संरक्षण के लिए पर्यावरणविद अधिवक्ता महेश चंद्र मेहता की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा था. मेहता का आरोप है कि ताजमहल के आस-पास का हरित क्षेत्र छोटा हो गया है और यमुना के मैदानी क्षेत्र के भीतर और बाहर अतिक्रमण हो रहा है.