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उत्कल ट्रेन हादसा: स्टेशन मास्टर को पहले ही दे दी गई थी चेतावनी

पर्मानेंट वे इंस्पेक्टर मोहनलाल मीणा ने हादसे से 45 मिनट पहले मेमो जारी कर खतौली स्टेशन मास्टर प्रकाश चंद को ट्रैफिक रोकने की चेतावनी दे दी थी

FP Staff

19 अगस्त को हुए उत्कल एक्सप्रेस ट्रेन हादसे में 20 लोगों की मौत हो गई थी. हालांकि इसकी छींटें सीधा तत्कालीन रेल मंत्री सुरेश प्रभु तक गई थीं. इस हादसे में दोषियों पर कार्रवाई करते हुए 13 कर्मचारियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था.

इंडियन एक्सप्रेस ने इस हादसे को लेकर बड़ा खुलासा किया है. अखबार के पास मौजूद दस्तवेजों की मानें तो करीब 5 बजे पुरी से हरिद्वार जाने वाली उत्कल एक्सप्रेस खतौली के पास पटरी से उतर गई थी. पर्मानेंट वे इंस्पेक्टर मोहनलाल मीणा ने हादसे से 45 मिनट पहले मेमो जारी कर खतौली स्टेशन मास्टर प्रकाश चंद को ट्रैफिक रोकने की चेतावनी दे दी थी. इसमें मीणा ने मरम्मत कार्य के लिए 15 मिनट के लिए ट्रैफिक ब्लॉक करने के लिए कहा था.


मेमो की आखिरी लाइन में मीणा ने लिखा 'असुरक्षित है, ब्लॉक करने की कृपा करें.' मीणा ने सिस्टम को पहले ही लाइन बंद करने की चेतावनी दे दी थी. हालांकि ऐसा करना रुटीन में है, लेकिन उस मेमो में 'असुरक्षित' जैसे शब्द का इस्तेमाल किया गया था. इसलिए इसे अन्य दिनों पर मिलने वाली चेतावनी की तरह नहीं लिया जा सकता था.

नियमों के अनुसार, अगर किसी ट्रैक को असुरक्षित करार दिया जाता है तो गैंगमैन भी ट्रेन को रोक सकता है, लेकिन रिकॉर्ड के अनुसार ऐसी कोई भी चेतावनी नहीं दी गई. जिससे ट्रेन को रोकने की जानकारी मिल सके. ट्रेन रोकने के लिए ना तो किसी अलार्म का इस्तेमाल किया गया ना ही किसी झंडे से इस बात की सूचना दी गई.

मीणा के द्वारा जारी किए गए मेमो की दो प्रति हैं. एक कॉपी 20 अगस्त की है जिसमें मीणा के हस्ताक्षर हैं. जबकि अन्य कार्बन कॉपी पर 19 अगस्त के हस्ताक्षर हैं.

सीआरएस रिपोर्ट की मानें तो मीणा ने सिस्टम को इस हादसे से पहले ही चेतावनी दे दी थी. सीआरएस रिपोर्ट में इस हादसे के लिए स्टेशन मास्टर, सेक्शन कंट्रोलर और खतौली के अन्य पर्मानेंट वे इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार को जिम्मेदार ठहराया गया था. जबकि मीणा पर सीआरएस ने चुप्पी साधी हुई थी.