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'क्लिक के बदले कमाई' का धोखा: ऐसे हुई 3700 करोड़ की ठगी

कंपनी के ग्राहकों की संख्या 100-200 या फिर 1000-2000 नहीं, बल्कि साढ़े 6 लाख है.

FP Staff

कंप्यूटर पर बैठे-बैठे बस क्लिक कर पैसा कमाइए. ऐसी स्कीम आपने भी सुनी होगी. पुलिस ने ऐसी ही स्कीम का भंडाफोड़ किया है कि जिसके जरिए लोगों को माउस से एक क्लिक से 5 रुपए और फुल टाइम धंधा कर हजारों रुपए कमाने का लालच देकर चूना लगाया जा रहा था. हैरानी की बात यह है कि इस कंपनी के ग्राहकों की संख्या 100-200 या फिर 1000-2000 नहीं, बल्कि साढ़े 6 लाख है.

न्यूज 18 इंडिया के मुताबिक, उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने सोशल ट्रेडिंग के नाम पर लगभग 3700 करोड़ रुपए के फर्जीवाड़े का खुलासा किया है. इस मामले में एसटीएफ ने कंपनी के मालिक अभिनव मित्तल सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. इसके साथ ही कंपनी का खाता भी सीज कर दिया है, जिसमें लगभग 500 करोड़ रुपए की राशि बताई जा रही है.


ऐसे होता था फर्जीवाड़ा

कंपनी में सोशल ट्रेड डॉट बिज के नाम से सोशल पोर्टल बनाकर मल्टी लेवल मार्केटिंग के जरिए लोगों सदस्य बनाया गया. इसकी सदस्यता 5000 रुपए से शुरू होकर 50 हजार रुपए तक की थी. इसमें 10 फीसदी टैक्स और 5 फीसदी फाइलिंग चार्ज अलग से वसूला जाता था.

5 हजार की सदस्यता 5750 रुपए की होती थी. सदस्यता के हिसाब से लाइक क्लिक करने को मिलते थे. 5 हजार पर 10 लाइक रोजाना और 50 हजार पर 100 लाइक. 100 लाइक पर 25 लाइक बोनस को तौर पर मिलते थे. यानी 50 हजार की सदस्यता पर रोजाना 125 लाइक करने पर 625 रुपए आपके खाते में जमा हो जाते थे. इस 625 रुपये पर भी 15 फीसदी टैक्स आदि कटने के बाद हर सप्ताह सदस्य का हिसाब किया जाता है. साथ ही नए सदस्य जोड़ने पर कमाई बढ़ जाती थी.

ये था पूरा खेल

कंपनी लोग खुद ही फर्जी कंपनियों के विज्ञापन तैयार करके पोर्टल पर डालते थे और सदस्यों से ली रकम को ही सदस्यों में बांटते थे. शुरुआत में धंधा ठीकठाक चला लेकिन सदस्यों की संख्या बढ़ते ही जोखिम बढ़ गया. ऐसे में कई लोगों को उनको दिए जाने वाले पैसे नहीं मिले. कुछ लोगों ने पुलिस में शिकायत की. जांच में सामने आया कि कंपनी के खिलाफ ईमेल व एसएमएस के जरिए 1 लाख से अधिक शिकायतें आई थीं.

बचने के लिए बदलते रहते थे नाम

पुलिस के मुताबिक, कंपनी अपने विज्ञापन खुद डिजाइन कर पोर्टल पर डालती थी और सदस्यों से लिए गए पैसे को उन्हीं को वापस करती थी. प्रवर्तन एजेंसी से बचने के लिए यह कथित कंपनी लगातार नाम बदल रही थी. पहले सोशल ट्रेड विज, फिर फ्री हब डॉटकाम से इंटामाट डॉटकाम, थ्री डब्ल्यू डॉटकाम के नाम से यह कंपनी लोगों से फर्जीवाड़ा कर रही थी.

एसटीएफ ने ये गिरफ्तारियां नोएडा के सेक्टर-63 के एफ ब्लॉक में चल रही कंपनी से की. एसटीएफ के मुताबिक, इन लोगों ने लगभग सात लाख लोगों से पोंजी स्कीम के जरिए डिजिटल मार्केटिंग के नाम पर इतनी बड़ी ठगी को अंजाम दिया है.

उत्तर प्रदेश एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमित पाठक ने बताया कि एसटीएफ को सूचना मिली थी कि सेक्टर-63 के एफ ब्लॉक में अब्लेज इन्फो सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने पोंजी स्कीम के तहत लोगों से फर्जीवाड़ा किया जा रहा है.

उन्होंने बताया कि कंपनी लोगों को सोशल ट्रेड बिज पोर्टल से जोड़ने के लिए 50 से 60 हजार रुपए कंपनी एकाउंट में जमा करने को कहती थी. उसके बाद हर सदस्य को पोर्टल पर चलने वाले विज्ञापन को लाइक करने के लिए हर क्लिक पर घर बैठे पांच रुपए मिलते थे. हर सदस्य को अपने नीचे दो और लोगों को जोड़ना होता था, जिसके बाद सदस्य को अतिरिक्त पैसे मिलते थे.

इस कंपनी के बनाए गए कुछ सदस्यों ने थाना फेस-3 और थाना सूरजपुर में कंपनी की धोखाधड़ी को लेकर मामला दर्ज कराया था.

पुलिस के आलाधिकारी ने बताया कि जांच के दौरान एसटीएफ को पता चला कि कंपनी अब तक लगभग सात लाख लोगों से पोंजी स्कीम के जरिए सोशल ट्रेडिंग के नाम पर लगभग 37 अरब रुपए का फर्जीवाड़ा कर चुकी है.

जांच के बाद एसटीएफ ने कंपनी के मालिक अभिनव मित्तल, श्रीधर और महेश को गिरफ्तार कर लिया. इस कंपनी की लगभग 500 करोड़ की धनराशि का पता लगाकर एसटीएफ ने इसका खाता सीज करा दिया है.