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घुड़सवारी करना जानते हैं तो यूपी पुलिस में आपके लिए बन सकते हैं कई मौके

यूपी में घुड़सवार इकाइयों में करीब 250 घोड़े हैं, जबकि सिपाहियों और मुख्य आरक्षियों की संख्या लगभग 100 रह गई है. साल 1998 से घुड़सवार पुलिस में नई भर्ती नहीं हुई है

Bhasha

उत्तर प्रदेश की घुड़सवार पुलिस, कर्मचारियों की भारी कमी से जूझ रही है. पूरे प्रदेश में घुड़सवार पुलिस में करीब 100 सिपाहियों और मुख्य आरक्षियों के जिम्मे 250 घोड़े हैं. इस ब्रांच में पिछले 20 बरस से नई भर्ती नहीं हुई है. जनवरी तक इनमें से 10-12 कर्मचारियों के रिटायर होने के बाद स्थिति और गंभीर होने की आशंका है.

इलाहाबाद पुलिस लाइन स्थित आरआई माउंटेन पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, प्रदेश में हमारी इकाइयों में करीब 250 घोड़े हैं, जबकि सिपाहियों और मुख्य आरक्षियों की संख्या लगभग 100 रह गई है. साल 1998 से घुड़सवार पुलिस में नई भर्ती नहीं हुई है.


उन्होंने बताया कि दंगा, भगदड़ जैसी हालत में हालात काबू करने में घुड़सवार पुलिस की अहम भूमिका रहती है और घुड़सवारी हर पुलिसकर्मी नहीं कर सकता क्योंकि इसके लिए खास तरह की ट्रेनिंग की जरूरत होती है. घुड़सवार पुलिस ब्रांच में साल 1998 में पीएसी से 36 जवान लिए गए थे, जिनसे अभी तक जैसे तैसे काम चल रहा है.

23 घोड़ों के लिए मात्र 23 कर्मचारी

पुलिस लाइन के अधिकारी ने बताया कि अगले साल लगने वाले प्रयाग कुंभ मेले के लिए करीब 150 घोड़ों की मांग की जा रही है. अभी पुलिस लाइन में 23 घोड़े हैं, जबकि कर्मचारियों की संख्या मात्र आठ है. इलाहाबाद और सीतापुर में रिजर्व इंस्पेक्टर का भी पद रिक्त पड़ा है.

उन्होंने बताया कि इलाहाबाद में घुड़सवार पुलिस के लिए 25 सिपाही, 5 हेड कांस्टेबल और 1 रिजर्व इंस्पेक्टर सहित कुल 31 पद हैं. घुड़सवार पुलिसकर्मियों को भीमराव अंबेडकर पुलिस अकादमी, मुरादाबाद में घुड़सवारी की ट्रेनिंग दी जाती है.

अधिकारी ने बताया कि घुड़सवार पुलिस में मौजूद घोड़ों की नस्लों में 10-12 काठियावाड़, 5-6 देसी नस्ल और बाकी डुप्लीकेट थैरो नस्ल के घोड़े शामिल हैं. इन घोड़ों की खरीद पंजाब और हरियाणा से की जाती है. मुरादाबाद में एक अरबी घोड़ा भी है जो बूढ़ा हो चला है. हालांकि इस घोड़े की नीलामी नहीं की जा रही है.