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इस साल मोदी के बनारस में अंतरराष्ट्रीय साहित्य महोत्सव

तीन दिन तक चलने वाले साहित्य महोत्सव को जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल की तर्ज पर आयोजित किया जाएगा

FP Staff

उत्तर प्रदेश सरकार धार्मिक नगरी वाराणसी में अंतरराष्ट्रीय साहित्य महोत्सव का आयोजन करेगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ की सरकार ने भारतीय साहित्य और लेखकों को बढ़ावा देने के लिए यह अहम फैसला लिया है.

अक्टूबर में होने वाले तीन दिन के इस साहित्य महोत्सव को जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल की तर्ज पर आयोजित किया जाएगा.


इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक 'जयपुर लिट फेस्ट' के उलट बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) कैंपस में होने वाले 'वाराणसी लिट फेस्ट' में भारतीय भाषाओं विशेष कर हिंदी को बढ़ावा देने पर जोर दिया जाएगा.

योगी सरकार बीएचयू के सहयोग से इस अंतरराष्ट्रीय साहित्य महोत्सव का हर साल आयोजन करेगी. इस दौरान भारतीय साहित्य और लेखकों को बढ़ावा दिया जाएगा.

वाराणसी लिट फेस्ट का मुख्य मकसद आम लोगों को भारतीय साहित्य और संस्कृति से जोड़ना होगा. यूपी सरकार का कहना है कि इस लिट फेस्ट के जरिए वह महोत्सव में शामिल होने आए अतिथियों और स्‍थानीय लोगों को भारतीय साहित्य विशेषकर हिंदी और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं के साहित्य से जोड़ना चाहती है.

अंतरराष्ट्रीय साहित्य महोत्सव का आयोजन जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल की तर्ज पर किया जाएगा

भारतीय साहित्य और लेखकों को बढ़ावा दिया जाएगा

सरकार ने यह भी साफ किया है कि इस महोत्सव का स्वरुप अंतरराष्ट्रीय रहेगा जिससे कि वैश्विक स्तर पर पाठकों और लेखकों को अपनी ओर आकर्षित किया जा सके. एक अधिकारी ने कहा कि वाराणसी की धरती साहित्य और सीखने वालों का हमेशा से स्वागत करती रही है.

खास बात है कि बनारस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है. इसे देखते हुए योगी सरकार इस अंतरराष्ट्रीय साहित्य महोत्सव को कामयाब बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी.

साहित्य महोत्सव के दौरान पैनल चर्चा, किताबों का विमोचन और सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे जिसमें देश के नामचीन कलाकार और साहित्यकार हिस्सा लेंगे. महोत्सव में हर दिन लगभग 500 लोगों के पहुंचने का अनुमान है.