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लखनऊ से विराम लेकर 5 दिन के लिए महंत बने योगी आदित्यनाथ

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ विजयदशमी पर होने वाली रथ यात्रा में भाग लेने के लिए पिछले पांच दिनों से गोरखपुर में उपस्थित थे.

FP Staff

विजयदशमी पर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के तिलक उत्सव में भाग लेने हजारों लोग गोरखपुर मंदिर की तरफ कूच कर रहे थे. योगी आदित्यनाथ माथे पर तिलक लगाकर लोगों को प्रसाद बांट रहे थे. अपने मुख्यमंत्री की एक झलक पाने के लिए लोग बहुत उत्सुक थे.

इंडियन एक्सप्रेस को मंदिर के महंत ने बताया 'इस साल भीड़ पिछले साल के मुकाबले तीन गुना ज्यादा थी. यह सब इसलिए था क्योंकि अब महंत जी यूपी के मुख्यमंत्री हैं. इस बार नेता, हजारों लोग महंत जी के दर्शन करने लाइन में खड़े हुए थे.'


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पिछले पांच दिनों से मुख्य पुजारी के रूप में गोरखनाथ मंदिर में थे. यहां वह रोज पूजा करते थे. हालांकि शनिवार को वह मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी संभालने दोबारा लखनऊ वापस लौट गए.

रथ यात्रा में योगी आदियनाथ

खुली जीप में सीएम योगी की रथ यात्रा

तिलक उत्सव के बाद, परंपरा के अनुसार आदित्यनाथ ने विजयदशमी पर होने वाली विजय शोभा यात्रा में भाग लिया. यह मंदिर के महंत के लिए हर साल विजयदशमी के अवसर पर आयोजित की जाती है. इस यात्रा का आयोजन गोरखपुर में किया जाता है.

यात्रा में आदित्यनाथ खुली जीप में बैठे हुए थे. जिसे भगवा रंग में बदल दिया गया था. अब यह देखने में बिल्कुल रथ जैसी लग रही थी. मुख्यमंत्री का रथ एक तरफ पुलिस और कमांडो ने घेर रखा था वहीं दूसरी तरफ श्री श्री हनुमान सेवा दल के स्वंयसेवक भी रथ के साथ चल रहे थे.

मुख्यमंत्री के साथ चलने वाला सेवा दल का रथ भी कुलहाड़ी, रॉड समेत अन्य हथियारों से लदा हुआ था. सेवा देल के युवाओं ने एक-एक हथियार अपने हाथ में लिया हुआ था. जिसे लहराकर वो इस चलाने की तरकीब दिखा रहे थे.

साथ ही सब लोग 'जय श्री राम', 'राम जन्मभूमि की जय' और 'वंदे मातरम' के नारे भी लगा रहे थे. मानसरोवर मंदिर पहुंचने के बाद आदित्यनाथ ने भगवान शिव की भी पूजा की. इसके बाद यात्रा आगे रामलीला ग्राउंड की तरफ बढ़ गई. जहां उन्होंने भगवान श्रीराम का राजतिलक किया.

रामलीला मैदान में कलाकारों का राजतिलक करते सीएम योगी (फोटो: फेसबुक)

हथियार की धार तेज नहीं थी, बंदूक लोड नहीं थी. मंदिर के स्टाफ ने अखबार को बताया 'ऐसा करना मंदिर की परंपरा है. हथियार इसलिए साथ ले जाए जाते हैं क्योंकि अष्टमी पर महंत जी शस्त्र पूजन करते हैं.'