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उत्तर प्रदेश विधानसभा में मिला था PETN विस्फोटक या पाउडर?

12 जुलाई को विधानसभा परिसर के अंदर 150 ग्राम संदिग्ध विस्फोटक मिले हैं

Ravishankar Singh

12 जुलाई को यूपी विधानसभा में मिले संदिग्ध पाउडर को लेकर विवाद गहरा गया है. मीडिया रिपोर्ट्स में बात सामने आ रही है कि आगरा की एफएसएल लैब ने सफेद पाउडर को विस्फोटक नहीं बताया है. वहीं, यूपी सरकार के मुताबिक आगरा फॉरेंसिक लैब को कथित पीईटीएन विस्फोटक भेजा हीं नहीं गया था.

यूपी सरकार ने 12 जुलाई को विधानसभा परिसर के अंदर 150 ग्राम विस्फोटक पाए जाने के बाद एनआईए जांच की सिफारिश की थी. पहले यूपी सरकार की तरफ से संदिग्ध पाउडर पीईटीएन यानी प्लास्टिक विस्फोटक बताया गया था.


मीडिया रिपोर्ट्स में जो बात सामने आ रही है उसमें विधानसभा में पाए गए संदिग्ध पाउडर की जांच आगरा लैब के चार वैज्ञानिकों की टीम ने की. लैब की जांच रिपोर्ट संबंधित जांच एजेंसियों के पास भेज दी गई है.

वहीं, यूपी सरकार का कहना है कि लखनऊ की एफएसएल लैब ने सफेद पाउडर को विस्फोटक करार दिया. सरकार ने मीडिया के उस रिपोर्ट्स को खारिज कर दिया है जिसमें विधानसभा में मिले पाउडर को आगरा की एफएसएल लैब में भेजने की बात सामने आ रही है.

आपको बता दें कि 12 जुलाई को यूपी विधानसभा में विस्फोटक मिलने की खबर से खलबली मच गई थी. विधानसभा में मिले विस्फोटक के नमूने की जांच के लिए आगरा और हैदराबाद भेजे जाने की बात भी मीडिया में आई थी.

पिछले दिनों यूपी विधानसभा में मिले पीईटीएन पाउडर को लेकर काफी हंगामा हुआ था. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे आतंकी साजिश करार दिया था. यूपी सरकार ने घटना की जांच तुरंत ही एनआईए को सौंप दी थी.

यूपी विधानसभा में विस्फोटक मिलने के बाद पिछले दिनों एनआईए ने दो सपा विधायकों सहित लगभग एक दर्जन लोगों से पूछताछ की थी.

एनआईए की पूछताछ में समाजवादी पार्टी के बाहुबली विधायक मनोज पांडे ने किसी भी तरह की जानकारी होने से इनकार किया था.

एनआईए और यूपी एटीएस ने विधानसभा के सीसीटीवी फुटेज की भी जांच की थी. जांच में पाया गया था कि विधानसभा के अंदर कई सीसीटीवी कैमरे काम नहीं कर रहे हैं.

विधानसभा विस्फोटक मिलने के बाद क्वीक रिस्पॉन्स की कई टीमें भी मॉक ड्रिल में जुटी हुई है. प्रशासन के द्वारा आपातकालीन हालात से निपटने के लिए पुलिस की तैयारी का जायजा भी लिया जा रहा है.