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लॉन्गेवाला में पाकिस्तान के 27 टैंक उड़ाने वाली एयरफोर्स की कुछ और खासियत

बॉर्डर फिल्म में दिखाई गई इस मशहूर लड़ाई में पाकिस्तानी टैंकों को बचकर भागना मुश्किल हो गया था

FP Staff

8 अक्टूबर एयर फोर्स डे है. भारतीय एयर फोर्स का दिन. राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दोनों ने ही सुबह ट्वीट कर के देश की वायुसेना को इसकी शुभकामनाएं दी हैं. भारतीय एयर फोर्स दुनिया की चौथी सबसे बड़ी हवाई सेना मानी जाती है. एयर फोर्स के स्थापना दिवस पर जानिए उससे जुड़ी कुछ खास बातें.

1965 के युद्ध में भारतीय वायुसेना पाकिस्तान से तकनीकि रूप से काफी पीछे थी. पाकिस्तान के पास जहां अमेरिका से मिले सेबर जेट थे भारतीय पायलट नेट विमानों पर ही निर्भर करते थे. मगर फिर भी भारतीय वायुसेना के जांबाज पायलट अपनी सूझबूझ के चलते हावी रहे और छोटे नेट विमानों को सेबर स्लेयर (सेबर को चीरने वाला) कहा जाने लगा.


ताजा आंकड़ों के हिसाब से भारतीय वायुसेना के पास कुल 244 स्क्वाड्रन हैं. इनमें हर तरह के विमानों को मिलाकर 1473 उड़ने वाली मशीने हैं. वायुसेना फिलहाल 33 स्क्वाड्रन का ही इस्तेमाल करती है.

भारतीय वायुसेना की सबसे ऊंची रैंक मार्शल ऑफ द एयर फोर्स है. इस पांच सितारों वाली ऑनरेरी पोस्ट पर पहुंचने वाले एकमात्र अफसर हैं. कुछ दिनों पहले ही उनका निधन हुआ.

एयर फील्ड मार्शल अर्जन सिंह

1971 में लॉन्गेवाला के मशहूर मैदान (जिस पर बॉर्डर फिल्म बनी थी) में एयरफोर्स ने पाकिस्तान के 29 टैंक, 40 बख्तरबंद गाड़ियां और एक ट्रेन को नष्ट कर दिया था. 71 की पूरी लड़ाई में पाकिस्तान के 94 हवाई जहाज नष्ट किए थे.

जमीन पर बने ये निशान लॉन्गेवाला में हवाई हमले से भागते पाकिस्तानी टैंकों के चक्कों के हैं

एयर फोर्स अपनी तकनीकि सुरक्षा के लिए ऐएफनेट (एयरफोर्स नेटवर्क) का इस्तेमाल करती है. अपने सामरिक अभियानों के लिए चर्चा में रहने वाली एयर फोर्स समय-समय पर अपने राहत-बचाव अभियानों के लिए भी सबकी तारीफ पाती रहती है.