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UN summit 2018: पाकिस्तान आतंक की राह चलेगा तो उसकी कीमत वही चुकाएगा-भारत

संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि आतंकवाद एक बड़ा खतरा है और इससे हर फोरम पर कड़ाई से निपटना चाहिए

FP Staff

न्यूयॉर्क में चल रहे संयुक्त राष्ट्र महासभा 2018 में भारत के प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने मीडिया से बातचीत की और कई अहम मुद्दों को सामने रखा. संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि आतंकवाद एक बड़ा खतरा है और इससे हर फोरम पर कड़ाई से निपटना चाहिए.

आतंकवाद से छुटकारा पाना एक ऐसा लक्ष्य है जिससे निपटने के लिए भारत साल 1996 से कोशिश कर रहा है जब पहली बार भारत ने सीसीआईटी (Comprehensive Convention on International Terrorism) को ड्राफ्ट दिया था. उसके बाद से फर्क देखने को मिला है. हालांकि ऐसे बहुत सारे देश हैं जो इस तरह के लक्ष्य में एकजुट नहीं हो रहे हैं. अपने निजी कारणों के चलते इस तरह के अभियान को समर्थन नहीं दे रहे, वैश्विक रूप से ऐसे देशों को अलग कर दिया जा रहा है और आगे भी ऐसा ही होता रहेगा.


तेजी से मौसम का बदलना भी एक बड़ा खतरा

सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के महासभा में भारत, सुधारित बहुपक्षवाद पर ध्यान केंद्रित करेगा. न्यूयॉर्क में मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि बहुपक्षीय प्रणाली का सामना करने के कई खतरे और चुनौतियां हैं. हमारी परंपरा को देखते हुए बहुपक्षीय प्रणाली की तरफ हमारा झुकाव ज्यादा है. बहुपक्षीय प्रणाली को मजबूत करने के लिए भी हमें मददगार साबित होना होगा ताकि हम एक सुधारित बहुपक्षवाद की ओर बढ़ सकें. इसके अलावा सैयद अकबरुद्दीन का मानना है कि भारत में तेजी से मौसम का बदलना भी एक बड़ा खतरा साबित हो सकता है. इस बात को ध्यान में रखते हुए उन्होंने कहा कि मौसम के बदलने के कारणों की चर्चा करना हमारी इस सभा की दूसरी अहम जरूरतों में शामिल है.

कश्मीर मुद्दे पर कसा तंज

भारत में स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों को लेकर बात करते हुए उन्होंने कहा- यह आम सभा वैश्विक स्वास्थ्य के कई मुद्दों को संबोधित करेगी. उन्होंने कहा कि नॉन कम्युनिकेबल बीमारियां, टीबी और ऐसे ही कई रोगों के बारे में सभा में विस्तार से चर्चा की जाएगी. इसके अलावा यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज पर भी बात होगी

जिसमें प्रधानंमत्री मोदी द्वारा शुरू किए गए आयुष्मान भारत का भी नाम दर्ज हैगा. पाकिस्तान में चल रहे कश्मीर मुद्दे को लेकर सैयद अकबरुद्दीन ने अप्रत्यक्ष रूप से कहा कि अगर कोई एक चाल चलता है तो उन्हें इसका नुकसान होगा. ऐसे में कोई पाकिस्तान की मदद नहीं करेगा और उन्हें अपने पुनरुत्थान पर खुद ही काम करना होगा. हमने इससे पहले इस तरह के कई काम किए हैं और हमें विश्वास है कि हम इसे दोबारा भी कर सकते हैं.